कर्मयोगी सेवा संस्थान की ओर से रोटेदा रोड स्थित जिला मुख्यालय पर आयोजित किए जा रहे 16 दिवसीय श्राद्ध श्रद्धांजलि महोत्सव के तहत् सोमवार को छठवीं का श्राद्ध तर्पण अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा के नेतृत्व में किया गया। इस दौरान देश दुनिया के दिवंगत वैज्ञानिकों की आत्मशांति के लिए तर्पण किया गया। संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी तथा अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी ने बताया कि बिना प्रतिभा के इतिहास नहीं बनाया जा सकता है। 

इंग्लैंड के वैज्ञानिक न्यूटन जिन्हें विश्व के पहले वैज्ञानिक का दर्जा हासिल है। न्यूटन, अल्बर्ट आइंस्टीन जर्मन मूल के सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी, प्रथम रेल इंजन के आविष्कारक जेम्स वाट, हवाई जहाज के आविष्कारक औरबिल और बिलबर राइट, विद्युत बल्ब के आविष्कारक थॉमस एडिसन, कंप्यूटर के आविष्कारक चार्ल्स बबेज, आर्यभट्ट, स्टीफन हॉकिंग, नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पहली पहली महिला वैज्ञानिक मैरी क्यूरी 

भारत के पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम साहब, आधुनिक विज्ञान के जनक गैलीलियो, जिनके आविष्कार से सौरमंडल का अवलोकन और स्पष्टीकरण करने में मदद मिली। ऐसे लोग अपने आविष्कारों, विचारों और सूत्रों के कारण आज भी जीवित हैं।

उन्होंने कहा कि वे वैज्ञानिक असाधारण रूप से बुद्धिमान और शिक्षाविद हैं। जिन्होंने दुनिया को एक नई रोशनी दी है। अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी ने बताया कि ऐसे कितने ही जाने अनजाने वैज्ञानिक जिनके आविष्कारों के आगे सभी नतमस्तक हो जाते हैं। जिन्होंने देश दुनिया को नई दिशा प्रदान की। उन सभी दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध तर्पण किया गया है। इस अवसर पर हेमंत सिंह, कुसुम सिंह, लक्ष्मीनारायण गर्ग, कमल सिंह सोलंकी, नंदकंवर सोलंकी, संजय कुमार डोगरा, धर्मपाल सिंह, नीलम सिंह, महिला अध्यक्ष नीलम शर्मा, एडवोकेट बबीता आर्य, नीता मिश्रा, मीना मिश्रा, प्रतिभा शर्मा उपस्थित रहे। इस दौरान जरूरतमंदों एवं ब्राह्मणों को भोजन भी करवाया गया।

कर्मयोगी ने बताया कि मंगलवार को सप्तमी का श्राद्ध अजन्मी कन्या भ्रूण हत्या की शिकार दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए समर्पित किया जाएगा।