राजस्थान में भारी बारिश से ज्यादातर सड़कें और पुल क्षतिग्रत हो चुके हैं. इसकी वजह से लोगों को आवगमन के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन सड़कों और पुलों को ठीक करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है.इसके तहत प्रदेश के 14 जिलों में अत्यधिक वर्षा और बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कें और पुलों के साथ अन्य भवनों की मरम्मत के लिए एसडीआरएफ से 107 करोड़ रुपये के फंड स्वीकृति दी गई है. जिससे भारी बारिश में जीर्ण शीर्ण हुई सड़क और पुलों की मरम्मत कर उन्हें आगमन के लिहाज से बेहतर किया जा सके.उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को तत्काल मरम्मत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं, जिससे सड़कों, बांधो, नहरों, भवनों और पुलों को सुचारु करने और आमजन को राहत मिल सके. उन्होंने बताया की प्रदेश में अत्यधिक वर्षा और बाढ़ से क्षतिग्रस्त सार्वजनिक परिसंपत्तियों की तात्कालिक मरम्मत और पुनरुत्थान के लिए यह स्वीकृति जारी की गई है. राजस्थान के 14 जिलों में 5 हजार 618 कार्यों के लिए 107 करोड़ 36 लाख रुपये की स्वीकृति जारी की गई है. इस राशि से टोंक, नागौर, डूंगरपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, सिरोही, जैसलमेर, बाड़मेर, जयपुर, झुंझुनू ,प्रतापगढ़, कोटा, अलवर और बूंदी में सड़क पुल, बांध, नहर और भवन जैसे अन्य सरकारी परिसंपत्तियों की मरम्मत की जाएगी. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को अगले दो माह तक लगातार फील्ड में मॉनिटरिंग करके बारिश से खराब हुई सड़कों को दीपावली से पहले सही करवाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी मुख्य अभियंताओं को सात- सात दिन लगाातार फील्ड में रहकर सड़क कार्यों की मॉनिटरिंग करने को कहा है. अधिकारियों को डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि सड़कों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए. ऐसी व्यवस्था की जाए की सड़क बनाने वाला ठेकेदार ही गारंटी अवधि में सड़क खराब होने पर अनिवार्य रूप से सड़क को सुधारे. उन्होंने कहा कि अगर इसके लिए नियमों में कोई संशोधन करना हो तो करें, उन्होंने सड़कों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए 'प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना मॉडल' के प्रावधानों को शामिल करने के निर्देश भी दिए.