ईयू ने गूगल पर ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग बिजनेस में एक तरफा दबदबे को लेकर साल 2019 में भारी जुर्माना लगाया था। इस जुर्माने के खिलाफ गूगल ने ईयू की जनरल कोर्ट में याचिका दायर की थी। गूगल ने कोर्ट को बताया कि आयोग ने उसकी पॉलिसी और दूसरी चीजों की जांच करते हुए कुछ गलतियां की। अब कई साल बाद ईयू जनरल कोर्ट ने गूगल के पक्ष में फैसला सुनाया है
गूगल और यूरोपीय यूनियन (ईयू) के बीच पिछले काफी समय से तनातनी चल रही थी। गूगल के ऑनलाइन विज्ञापन बिजनेस के चलते ईयू ने उसपर 1.49 बिलियन यूरो (1.66 बिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया था। इस जुर्माने के खिलाफ गूगल ने कोर्ट का रुख किया और अब फैसला उसके पक्ष में आया है।
क्या है मामला
27 देशों के समूह वाले ईयू ने गूगल पर ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग बिजनेस में एक तरफा दबदबे को लेकर साल 2019 में भारी जुर्माना लगाया था। उसका कहना था कि गूगल की पॉलिसी के चलते एडवर्टाइजर और वेबसाइट चलाने वालों के पास बहुत कम विकल्प होते हैं। ऐसे में वे गूगल की शर्तें मानने के लिए मजबूर होते हैं, जिसकी वजह से वे कई बार नुकसान उठाते हैं। इस तर्क के साथ ईयू ने गूगल पर भारी जुर्माना लगाया था।
इस जुर्माने के खिलाफ गूगल ने ईयू की जनरल कोर्ट में याचिका दायर की थी। अपनी दलील में गूगल ने कोर्ट को बताया कि आयोग ने गूगल की पॉलिसी और दूसरी चीजों की जांच करते हुए कुछ गलतियां की थी। इसके साथ आयोग भी कोर्ट को नहीं बता पाया कि इस मामले में गूगल की गलती क्या है और इससे वेबसाइट और एडवर्टाइजर्स को क्या दिक्कत होती है।
गूगल को नहीं भरना होगा जुर्माना
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गूगल के हक में फैसला सुनाते हुए 1.49 बिलियन यूरो का जुर्माना माफ कर दिया है। इससे पहले, पिछले दिनों भी ईयू कोर्ट ने गूगल के दबदबे को लेकर जुर्माना को लेकर सुनवाई की थी। हालांकि, इसमें मामले में गूगल को किसी तरह की राहत नहीं मिली थी।