देश के अलग-अलग हिस्सों में इस समय विभिन्न बीमारियां अपना प्रकोप दिखा रही हैं। एक तरफ जहां केरल में निपाह वायरस तांडव मचा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक में डेंगू के कहर की वजह से इसे महामारी घोषित कर दिया गया है। साथ ही राजधानी दिल्ली समेत अन्य कई शहरों में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी बीच महाराष्ट्र के पुणे से एक चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, यहां मच्छरों से फैलने वाले चिकनगुनिया वायरस का एक नया वेरिएंट सामने आया है।

पुणे में इस नए वेरिएंट के तेजी से फैलने और इसके लक्षणों (Chikungunya Symptoms) की गंभीरता के कारण यह चिंता का विषय बना हुआ है। इसकी वजह से लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो रही हैं। अब तक इस वायरस के करीब 2,000 सामने आ चुके हैं। चूंकि यह मच्छरों से होने वाली एक वायरल बीमारी है, इसलिए इसके कारणों, लक्षणों और इससे बचने के तरीकों के बारे में जानना जरूरी है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी जरूरी बातें-

क्या है चिकनगुनिया?

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक चिकनगुनिया (CHIKV) एक वायरस है, जो मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। यह वायरल इन्फेक्शन मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी मच्छर और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के काटने के होता है। चिकनगुनिया इन्फेक्शन तब होता है, जब संक्रमित मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है। यह वायरस शारीरिक संपर्क या लार के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, हालांकि ब्लड ट्रांसमिशन के जरिए इसका फैलना संभव है।

चिकनगुनिया के लक्षण

चिकनगुनिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटे जाने के 4-8 दिन बाद नजर आते हैं। हालांकि, इसके नए वेरिएंट में ज्यादा तेज लक्षण दिखे हैं, जिससे मरीजों का जल्दी ठीक होना मुश्किल हो गया है। इसके कुछ सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं:-

  • तेज बुखार (अक्सर 102°F से अधिक)
  • तेज जोड़ों का दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • सिरदर्द
  • थकान और कमजोरी
  • शरीर पर दाने
  • मतली

चिकनगुनिया का कारण क्या है?

क्लीवलैंड क्लिनिक की माने तो, वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने से व्यक्ति को यह इन्फ्केशन हो जाता है। यह वायरस मच्छर के काटने से फैलता है, न कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बॉडी फ्लूइड या संपर्क में आने से। इसका मतलब यह है कि अगर आप चिकनगुनिया से बीमार हैं, तो आप इसे किसी अन्य व्यक्ति को फैला नहीं सकते। हालांकि, ब्लड ट्रांसमिशन के जरिए यह फैल सकता है, लेकिन यह दुर्लभ है।

कैसे करें चिकनगुनिया से बचाव

  • चिकनगुनिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है। ऐसे में इस इन्फेक्शन से बचाव के लिए आप निम्न उपाय अपना सकते हैं-
  • अपने आसपास रुके हुए पानी को जमा न होन दें। इसके लिए नियमित रूप से पानी के बर्तनों, फूलों के गमलों और अन्य स्थानों को खाली करें, जहां पानी जमा हो सकता है।
  • मच्छरों के काटने से बचने के लिए मॉस्किटो रिपेलेंट लगाएं। खासकर सुबह और शाम के दौरान जब मच्छर सबसे ज्यादा एक्टिव होते हैं।
  • जहां मच्छरों का प्रकोप ज्यादा है, वहां लंबी बाजू वाली शर्ट और पैंट पहनें ताकि आपकी स्किन ज्यादा से ज्यादा कवर रहे।