हरियाणा में बसपा सुप्रीमो मायावती बीजेपी और कांग्रेस दोनों की टेंशन बढ़ा सकती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह बीएसपी का परंपरागत वोट बैंक है, जो चुनाव में खेल बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। मायावती हरियाणा पर इसलिए भी फोकस कर रही हैं, क्योंकि यहां 21 फीसदी दलित वोट बैंक है।यही वो वोट बैंक है, जो मायावती को हरियाणा में मजबूत दावेदार बनाता है। प्रदेश में दलित आबादी वंचित अनुसूचित जाति (DSCs) और अन्य अनुसूचित जाति (OSCs) के रूप में वर्गीकृत हैं।हालांकि बीएसपी को छोड़कर सभी राजनीतिक दल इन पर अपना हक जताते हैं, लेकिन पिछले 4 चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में बीएसपी का वोट बैंक जरूर बढ़ा या घटा है। इसके अलावा विधानसभा की 17 सीटें आरक्षित हैं और राज्य की 35 सीटों पर दलित वोटरों का प्रभाव है। बीएसपी सुप्रीमो का टारगेट 17 और 35 सीटों पर है, जहां दलित वोटरों का प्रभाव है, ताकि हरियाणा में बीएसपी गेम चेंजर की भूमिका में रहे।