आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी मामले में आंदोलनरत डॉक्टरों के आगे आखिरकार ममता सरकार झुक गई। आंदोलनकारी डॉक्टरों से वार्ता के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल मंगलवार शाम चार बजे तक इस्तीफा दे देंगे। ममता पुलिस महकमे में बदलाव पर भी सहमत हुईं। उन्होंने कहा कि बैठक में लिए गए फैसलों पर 42 आंदोलनकारी डॉक्टरों और मुख्य सचिव मनोज पंत ने हस्ताक्षर किए। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने की मांग पर ममता ने बताया कि डीएबी और डीएचएस को पदों से हटा दिया गया है।सीएम ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में शौचालय बनाने और बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। ममता ने कहा कि डॉक्टरों की पांच में से तीन मांगें मान ली गई हैं। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है, जो अन्य मुुद्दों को देखेगी। मुख्यमंत्री ने जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया। हालांकि डॉक्टरों की तरफ से बैठक के निर्णयों और हड़ताल समाप्त करने के संबंध में कोई बात नहीं कही गई है। समझा जा रहा है कि हड़ताली डॉक्टर अलग से मीटिंग करने के बाद कोई निर्णय लेंगे। इससे पहले आंदोलनकारी डॉक्टरों और सरकार के बीच एक महीने से जारी गतिरोध समाप्त करने की आखिरी कोशिश के तहत ममता ने डॉक्टरों को बातचीत के लिए सोमवार को फिर बुलाया था।
इस बार लाइव स्ट्रीमिंग की शर्त को छोड़ते हुए डॉक्टर वार्ता के लिए तैयार हुए और शाम 6.20 बजे सीएम आवास पहुंचे। बैठक 6.50 बजे शुरू हुई, जो रात 9 बजे तक चली। हालांकि बैठक के मिनट्स को फाइनल करने में करीब ढाई घंटे लगे। डॉक्टरों के सीएम आवास से रात साढ़े 11 बजे निकलते देखा गया। पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने बताया, कुछ मांगें मानी गई हैं और कुछ नहीं। आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट के काम पर लौटने के निर्देश के बावजूद हड़ताल पर हैं। 10 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से कहा था कि वे दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए काम पर लौट आएं। ‘डॉ. संदीप घोष ने की सबूतों से छेड़छाड़’ सीनियर डॉक्टरों ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व ङ्क्षप्रसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं। सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने आरोप लगाया कि यह पश्चिम बंगाल सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच सांठगांठ का नतीजा है।