बून्दी

ब्यूरो रिपोर्ट फ़रीद खान

जिले मे "स्वास्थ्य दल- आपके द्वार" का दूसरा चरण प्रारम्भ

 आगामी 30 सितंबर तक होगा आयोजन

मच्छर जनित बीमारियो की रोकथाम हेतु एन्टीलार्वल गतिविधियों सहित आमजन को किया जाएगा जागरुक

बूँदी।मच्छर जनित बीमारियो की रोकथाम व नियन्त्रण के लिए जिले मे "स्वास्थ्य दल- आपके द्वार" अभियान का दूसरा चरण सोमवार से प्रारम्भ हुआ, जो आगामी 30 सितम्बर तक आयोजित किया जाएगा। अभियान के अंतर्गत सोर्स रिडक्शन, एन्टीलार्वल, एन्टीअडल्ट गतिविधियों के आयोजन के साथ ही आमजन को मौसमी बीमारियों के प्रति जागरुक किया जाएगा। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. ओ पी सामर ने बताया कि बारिश के मौसम मे विशेषकर अगस्त, सितम्बर व अक्टूबर माह मे मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया जैसी मच्छर- जनित बीमारियां अधिक फैलती हैँ। मच्छरों के फैलाव को रोकने व बीमारियों की रोकथाम के लिए जिले मे गत 05 अगस्त से 31 अगस्त तक "स्वास्थ्य दल- आपके द्वार" अभियान का प्रथम चरण आयोजित किया गया।  

*पहले चरण की प्रगति इस प्रकार*

सीएमएचओ डॉ सामर ने बताया की पिछले चरण के दौरान जिले मै गठित 370 टीमों ने जिले मै 4013 घरों का सर्वें किया अभियान के दौरान 25883 पानी के कंटेंनरो की जाँच की गई जिसमे 28231 कंटेंरो को उपचारित किया गया 5210 स्थानों पर टेमिफास और 1803 पर एमएलओ डलवाया गया वही 2147 पानी के पात्रों को खाली करवया जिसमे 918 कंटेनरो मै लार्वा मिले अभियान के दौरान बुखार के 121 रोगी सामने आये 121 लोगो की ब्लड स्लाइड टीमों द्वारा बनवाई गई डा सामर ने बताया की अभियान के दौरान वार्ड वाइज,फॉगिंग करवाई गई.!

उन्होंने बताया की अब सोमवार से अभियान का दूसरा चरण प्रारम्भ हुआ, जो आगामी 30 सितम्बर तक आयोजित किया जाएगा। इसमे चिकित्सा विभाग समेत अन्य विभागों का भी अहम योगदान रहेगा। इस दौरान चिकित्सा विभाग की टीमें घर घर जाकर मच्छरों से निजात पाने के उपायों के साथ ही मौसमी बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए आमजन को जागरुक करेंगी।

डॉ सामर ने बताया कि "स्वास्थ्य दल- आपके द्वार" अभियान के दूसरे चरण मे जिला स्तर व खंड स्तर पर पर गठित 370 टीमों द्वारा सोर्स रिडक्शन, एन्टीलार्वल, एन्टीअडल्ट गतिविधियों का निरंतर आयोजन किया जाएगा। स्वास्थ्य-कार्मिकों द्वारा लार्वा मिले कंटेनरों को उपचारित करवाया जाएगा। पानी से भरे कंटेनरों और जल-भराव वाले स्थानों पर मच्छरों की व्युत्पत्ति को रोकने के लिए दवा (टेमीफोस, एमएल) डाली जाएगी। घर घर सर्वे किया जाएगा। बुखार के मरीजों को चिन्हित करने के साथ ही चिकित्सा संस्थानों मे लार्वा डेमोंस्ट्रेशन कर मच्छरों की व्युत्पत्ति के प्रति आमजन को जागरुक किया जाएगा।