राजस्थान में 132 केवी ग्रिड सब स्टेशन (GSS) का संचालन कर रही कंपनी के ठेकाकर्मियों ने हड़ताल कर दी। रातों-रात राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (RVNL) को यहां डिस्कॉम के कर्मचारियों को लगाना पड़ा। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा- पिछली सरकार ने गलत टेंडर जारी कर दिए थे। अचानक जिम्मेदारी छोड़कर भागने पर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की तैयारी की जा रही है।डायरेक्टर आईएएस नथमल डिडेल ने बताया- साल 2016 से राजस्थान में 132 केवी जीएसएस का तीन साल के लिए संचालन प्राइवेट कंपनियों को दिया गया था। 2019 में फिर टेंडर हुए और 2022 में सरकार ने उन्हीं कंपनियों को फिर काम सौंप दिया। इसमें कुछ कंपनियों को एक्सटेंशन और कुछ को 50% एक्स्ट्रा ऑर्डर देकर जीएसएस का संचालन किया जा रहा था। तीन फर्म जेबीएस एंटरप्राइजेज, करणी माता कंस्ट्रक्शन और ईस्टर्न लिंक को 150 GSS का संचालन दिया हुआ था। इसमें जेबीएस एंटरप्राइजेज के पास सबसे ज्यादा 72 जीएसएस थे। डायरेक्टर नथमल डिडेल ने बताया- हर GSS पर एक एईएन और एक-एक जेईएन रहते हैं। इसके अलावा एक सरकारी अधिकारी और दो-दो टेक्निकल हेल्पर होते हैं। कुल मिलाकर सभी GSS पर तीन लोग डिस्कॉम के होते हैं। रेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट फर्म के पास होती है। इसके लिए 2016 में फाइनेंस डिपार्टमेंट ने कहा था कि 2016 के बाद से बनने वाले सभी 132KV GSS का संचालन प्राइवेट कंपनी को देना है। आउटसोर्स का उन्होंने फाॅर्मूला भी दिया।