कोटा। कोटा-रामगंजमंडी रेलखंड स्थित आलनिया और रांवठा रोड स्टेशनों के बीच गुरुवार को खदान में ब्लास्टिंग के पत्थर लगने से दो जगह से ट्रेन संचालन के लिए लगे बिजली के तार (ओएचई) टूट गए। इस घटना के चलते करीब चार घंटे तक रेल संचालन बाधित रहा। सवाईमाधोपुर से भवानीमंडी तक करीब डेढ़ दर्जन गाडिय़ां अटकीं रहीं। रामगंजमंडी आरपीएफ ने खदान मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 

सूत्रों ने बताया कि यह घटना सुबह करीब 8:50 बजे की है। आलनिया-रांवठारोड स्टेशनों के बीच रेल पटरी से करीब सवा सौ मीटर दूर एक क्रेशर लगा हुआ है। क्रेशर के पास ही खदान भी है। कुछ लोग खदान में विस्फोट कर तत्थर तोड़ते हैं। बाद में क्रेशर की मदद से इन पत्थरों को छोटे-छोटे टुकड़ों में बदला जाता है। सूत्रों ने बताया कि इसी ब्लास्टिंग के थमाके में उड़कर बड़े-बड़े 30 से 40 किलो तक वजनी दर्जनों पत्थर रेल पटरी तक पहुंच गए। इनमें से कुछ पत्थर ओएचई से टकरा गए। इसके चलते अलनिया के पास और अलनिया-रांवठारोड के बीच ढाणीकसार स्टेशन पर अप और डाउन लाअन की ओएचई टूट गई। साथ ही इंसूलेटर क्षतिग्रस्त हो गए। 

खड़ी हुई ट्रेनें 

तार टूटते ही ट्रेनें मौके पर खड़ी हो गईं। इनमें एर्नाकुलम-निजामुद्दीन (12283), चौमहला-कोटा (06647), बांद्रा-बरौनी अवध (19037), इंदौर-जोधपुर इंटरसिटी (12465), मुंबई-बनारस (09183), अकलेरा-कोटा (05837), कोटा-बड़ौदा पार्सल (19820), निजामुद्दीन-पूणे (12268), श्रीगंगानगर-झालावाड़ (22998), भगत की कोठी-बिलासपुर (20844), मथूरा-कोटा मेमू (19110), गोरखरपुर-बड़ौदा (09112), पूणे-जयपुर (12939) तथा निजामुद्दीन-पूणे (12264) शामिल हैं। यह ट्रेनें कोटा सहित सवाईमाधोपुर से लेकर भवानीमंडी स्टेशन तक घंटो खड़ी रही। रास्ते में ट्रेनें खड़ी रहने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। खानेपीने के लिए भी यात्री परेशान होते रहे। प्रशासन ने इनके लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं की। 

आरपीएफ ने दर्ज किया मामला

मामले को लेकर रामगंजमंडी आरपीएफ ने विभिन्न रेल संपत्ती को नुकसान पहुंचने सहित विभिन्न धराओं में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरपीएफ ने आशंका जाताई की यह क्रेशर अवैध हो सकता है। जांच के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी। रेलवे ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि देर शाम तक भी कोई जॉइंट इंस्पेक्शन नोट बनाने की बात सामने नहीं आई थी। 

पहला मामला

ब्लास्टिंक के पत्थर से ओएचई टूटने का कोटा मंडल में यह पहला मामला है। इससे पहले ट्रेन में उलझकर, आंधी तुफान या पेड़ गिरने से तार टुटने के मामले सामने आते रहे हैं। तार टूटने और बड़ी संख्या में ट्रेनें रुकने से कोटा में अधिकारी भी दिनभर परेशान होते रहे। कंट्रोल रुम में बैठे अधिकारी मौके पर मौजूद कर्मचारियों को लगातार दिखा निर्देश देते रहे। 

तीन टावर वैगन पहुंची मौके पर 

घटना के बाद कोटा, रामगंजमंडी और सोगरिया से तीन टावर वैगन मौके पर पहुंची। घंटों की मशक्कत के बाद टावर वैगन कर्मचारियों ने तारों को दुरुस्त किया। 

बड़ी घटना टली

सूत्रों ने बताया कि गनिमत रही की घटना के मौके से कोई ट्रेन नहीं गुजर रही थी। अन्यथा बड़ा हादसा भी हो सकता था। ट्रेन पर बड़े-बड़े पत्थर लगने से कई यात्री गंभीर रुप से घायल भी हो सकते थे। साथ ही टूटे तार ट्रेन में उलझ सकते थे। इससे कई किलोमीटर की लाइन क्षतिग्रस्त हो सकती थी। सूचना के बाद मौके पर कोटा से आरपीएफ सहित कई अधिकारी मौके पर भी पहुंचे थे। 

डीआरएम का दौरा रद्द

इस घटना के चलते डीआरएम मनीष तिवारी का कोटा विक्रमगढ़ आलोट का दौरा अचानक रद्द हो गया। तिवारी सुबह 9:45 बजे स्पेशल ट्रेन से कोटा से रवाना होने वाले थे। लेकिन इससे पहले ही तार टूटने की सूचना आ गई। रास्ता जाम होने से तिवारी ने अपना दौरा स्थगित कर दिया। यह दूसरा मौका है जब तिवारी का यह दौरा स्थगित हुआ हो। इसके एक हफ्ते पहले भी तिवारी कोटा-आलोट का दौरा करने वाले थे। लेकिन तब तबीयत खराब होने के चलते दौरा स्थगित हो गया था।

जल्द पकड़ेंगे आरोपी 

मामले में रामगंजमंडी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। अभी तक की जांच में ब्लास्ट के पत्थर पटरी पर आने से ही यह घटना होना सामने आ रही है। दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी। - बीके मीणा, सहायक मंडल सुरक्षा आयुक्त, कोटा मंडल