सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अग्रवाल मंदिर में मुनि अनुसरण सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में दशलक्षण महापर्व के तृतीय दिवस पर उत्तम शौच धर्म की पूजा अर्चना की। जिसमें सैकडों श्रद्धालुओं ने पूजा में भाग लिया। चातुर्मास कमेठी के अध्यक्ष सुनिल भाणजा व विमल जौंला ने बताया कि सुबह भगवान पारसनाथ, भगवान शांतिनाथ व भगवान आदिनाथ का अभिषेक व पंचामृत अभिषेक क्षीर सागर के जल से किया गया। इसके पश्चात सोधर्म इन्द्र राजूलाल, पदमचन्द सेदरिया परिवार ने भगवान पाश्र्वनाथ की शांतिधारा की। हितेश छाबडा ने बताया कि पंण्डित सुरेश के. शास्त्री के निर्देशन में भक्तिभाव से देव शास्त्र गुरू, चोबिस तीर्थंकर पूजा, सोलह कारण पूजा, शांतिनाथ पूजा, दशलक्षण धर्म व उत्तम शौच धर्म की संगीतमय पूजा में श्रद्धालुओं ने जमकर भक्तिनृत्य किया। दोपहर में मुनि अनुसरणसागर महाराज के सानिध्य में तत्वार्थ सूत्र का वाचन किया गया। उन्होंने कहा कि मन- वचन-काय की कुटिलता का अभाव ही आर्जव धर्म है। उन्होंने कहा कि जिसके मन में कुछ है वचन में कुछ और कार्य में कुछ है वह व्यक्ति दुरात्मा है। किसी के साथ छल-कपट नही करना व धोखा नही देना शौच धर्म यही प्रेरणा देता है। सांयकाल में ध्यान एवं मंगल आरती व णमोकार महिला मण्डल द्वारा जैन प्रश्नौत्तरी पर क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में भरत क्रिकेट टीम व बाहुबली क्रिकेट टीम के मध्य क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजित हुई। जिसमे बाहुबली क्रिकेट टीम विजेता रही। इस दौरान चातुर्मास कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा सभी खिलाडियों को सम्मानित किया गया।