प्रतापगढ़। पीपलखूंट में श्री अरहनाथ दिगंबर जैन मंदिर में मनाए जा रहे दस दिवसीय पर्युषण पर्व का तीसरा दिन यहां उत्तम आर्जव धर्म के रूप में मनाया गया। इस दौरान पीपलखूंट श्री अरहनाथ जैन युवा संगठन के ऊर्जावान अध्यक्ष प्रदीप सेठ ने जानकारी देते हुए बताया कि मन्दिर में सर्वप्रथम भगवान जिनेंद्र देव का मंगल जलाभिषेक करने का सौभाग्य जैन समाज अध्यक्ष नगेन्द्र घाटलिया को प्राप्त हुआ एवं श्री वीर सागर सन्त भवन में श्रीजी की शान्तिधारा अभिषेक करने का सौभाग्य आशीष बदामीलाला धीरावत , विनोद जैन, स्वयं जैन, प्रवीण जैन धीरावत सपरिवार को प्राप्त हआ l इस शुभ अवसर पर जैन समाज के लोगों ने तीर्थंकर भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की।

इस अवसर पर शास्त्री संयम ने उत्तम आर्जव धर्म के बारे में बताते हुए कहा कि मन, वचन, काय पूर्वक कुटिलता का त्याग करना ही आर्जव धर्म है। इस आर्जव धर्म के धारण करने से गलत कर्मों का नाश हो जाता है। आत्मा का स्वभाव ही सरल स्वभाव है। इसलिए प्रत्येक प्राणी को सरल स्वभाव रखना चाहिए।

इस मौके पर पर जैन समाज अध्यक्ष नगेन्द्र घाटलिया, कोषाध्यक्ष सुदीप मुंगाणिया , अर्पित वगेरिया , चाहत साबरिया , ध्रुव साबरिया , मीडिया प्रभारी सुजल मुंगाणिया, अरुण दोशी , संभव धीरावत , मीत रोहिंदा, जैन युवा संगठन के समस्त पदाधिकारी गण एवं अरहनाथ महिला मंडल सहित समाजजन की उपस्थिति रही l