जैन मुनि संविज्ञसागर जी महाराज के आज निर्जला 21वा उपवास अपार धर्म प्रभावों के साथ संपन्न हो रहा है।मुनि 21 जुलाई से 6 अगस्त 2उपवास एक आहार कर रहे थे धर्म के प्रभाव को बढ़ाते हुए मुनि द्वारा 7 अगस्त से तीन उपवास और एक आहार किया 19 अगस्त से तप साधना के प्रभाव को बढ़ाते हुए मुनि ने 20 अगस्त से 9 सितंबर तक आज 21 उपवास निर्जला बिना पानी के किये

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दिगंबर जैन समाज नैनवा के प्रवक्ता महावीर सरावगी ने मुनिराज से उपवास के संबंध में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि दिगंबर साधु की तप साधनाएं मुख्य पहचान होती है उन्होंने मंगल 

 आशीर्वाद दिया कि धर्म की जड सदा हरी रहती है कभी सुखती नहीं है यह धर्म प्रभाव नाके मुख्य अंग मुनि ने बताया।शातवीर धर्म स्थल पर अनेक युवा भक्त दिन रात शोले के कपड़े पहनकर गुरु की सेवा में तट पर लगे हुए हैं।दूर-दूर गांवों से अनेक जैन बंधुओं* *महाराज के दर्शन करने नैनवां पहुंच रहे हैं।ऐसी धर्म प्रभाव न नैनवा नगरी में पहली बार शांति वीर धर्म स्थल पर देखी गई है।किशनगढ़ से मुनि भक्त तीन बार मुनि की सेवा के लिए गाड़ी लेकर नैनवा पहुंचे हैं।नैनवा में जयपुर निवाई टोंक किशनगढ़ दूनी आलोद देई बासी दुगारी रानीपुरा सावंतगढ़ ग्राम जजावर देई गोठड़ा सावंतगढ़ अलोद आदि गांव से प्रतिदिन शांति वीर धर्मस्थल पर भक्तों का दर्शनार्थ ताता लगा हुआ है ऐसे संतों का वर्षा योग होने से आसपास के गांव को भी बहुत धर्म लाभ प्राप्त हुआ है।मुनि श्री के प्रभाव से कहीं युवा लड़कों लड़कियों ने भी उपवास धारण कर रखे हैं मुनि ने इसे धर्म का सयम बड़ा अंग बताया कई गांव से जैन बंधु नैनवां पहुंचकर धर्म लाभ प्राप्त किया है।