पूरे देश में राजस्थान का कोटा शहर कोचिंग के गढ़ के रूप में जाना जाता है. हालांकि कोटा में छात्रों द्वारा हो रहे सुसाइड के मामलों के लिए भी यह शहर काफी चर्चाओं में रहा है. बीते बुधवार (3 सितंबर) को भी एक कोचिंग छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. ऐसे में कोटा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. लेकिन इस मामले पर राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने विवादित बयान दे दिया है.राज्य स्तरीय शिक्षक समारोह के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से कोटा में हो रहे छात्रों के सुसाइड मामले पर पूछा गया तो, उन्होंने कहा, जितनी जनसंख्या हमारे प्रदेश में है. उस अनुपात में घटनाएं होती ही हैं. मंत्री जी का बयान तब आया है जब कोटा में एक छात्र ने आत्महत्या की है. बता दें इस साल यानी 2024 में कोटा में अब तक कोचिंग में पढ़ने वाले 12 छात्रों ने आत्महत्या की है. जबकि कई छात्रों के भागने और हत्या का भी मामला सामने आया है. कोटा में छात्रों के साथ हो रही घटनाओं के बाद ही केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों के लिए सख्त गाइड लाइन बनाई थी. उच्च शिक्षा विभाग ने सभी जिला कलेक्टर को पत्र लिख कर गाइड लाइन की पालना के निर्देश दिए थे. जब शिक्षा मंत्री से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'कोचिंग संस्थानों की जिम्मेदारी उनकी नहीं है.' इतना ही नहीं शिक्षा मंत्री ने कोचिंग संस्थानों के लिए बनी गाइडलाइन की पालना से भी पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कहा कि कोचिंग क्लासेज का जिम्मा मेरे पास नहीं है.