शहर में नई पेयजल वितरण प्रणाली का कार्य कर रही राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना के सामुदायिक जागरूकता एवं जन सहभागिता कार्यक्रम के तहत शहर के शारदा विद्या मंदिर सीनियर सैकण्डरी स्कूल में विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम में बालक बालिकाओं को राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभकारी विकास परियोजना के बारे में जागरूक किया गया। 

 कार्यक्रम में आरयूआईडीपी केप के सचिन मुद्गल ने बताया कि “जल है तो कल है”, बावजूद इसके जल बेवजह बर्बाद किया जाता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल-संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है। हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है”। जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती, जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है। जल हमें प्रकृति के द्वारा दिया गया है तो हमें इसका सम्मान करना चाहिए न कि इसका व्यर्थ में बर्बाद करना चाहिए। मनुष्य, जानवरों, पेड़ पौधे सभी के जीवन में जल का उपयोग होता है, जल के बिना जीवन असंभव है। पानी के संरक्षण पर बच्चों की भूमिका व नई जलप्रदाय योजना से होने वाले लाभों के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि नई जल प्रदाय योजना से पानी पर्याप्त एवं पूर्ण प्रेशर के साथ व मीटरयुक्त मिलेगा। जनसंख्या वृद्धि , शहरीकरण तथा औद्योगीकरण के कारण प्रतिव्यक्ति के लिए उपलब्ध पेयजल की मात्रा लगातार कम हो रही है। जहाँ एक ओर पानी की मांग लगातार बढ़ रही है। वही दूसरी ओर प्रदूषण और मिलावट के कारण उपयोग किये जाने वाले जल संसाधनों की गुणवत्ता तेजी से घट रही है अगर आज हमने जल का संरक्षण नहीं किया तो आने वाली भावी पीढ़ियां स्वच्छ पानी के लिए तरस जायेंगी। 

 इसी क्रम में सोशल सैफगार्ड नरेश महावर ने बताया की फर्श को पाइप से धोने की बजाय पोछे से साफ करे सेविंग करते वक्त नल को खुला ना छोड़े मग में पानी लेकर सेव करे इस प्रकार की छोटी छोटी आदतों से बहुत सारा पीने वाला पानी बचाया जा सकता है जो आज की बचत और कल का भविष्य है। 

 विद्यालय के निदेशक शमशीर अली ने जल के महत्व पर प्रकाश डाला तथा आरयूआईडीपी द्वारा इस तरह की पहल की सराहना करते हुए कहा कि बच्चो को इस तरह जल के प्रति जागरूक करने से छोटी उम्र से ही बच्चो में जल संरक्षण की भावना आएगी।