निम्बाहेड़ा
फ़रीद खान
सर्वगुण संपन्न 16 कला संपूर्ण श्री कृष्ण जी बीके शिवली दीदी।
निम्बाहेड़ा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के निंबाहेड़ा सेवा केंद्र पर जन्माष्टमी का पावन पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया इस कार्यक्रम के अवसर पर सेवा केंद्र प्रभारी बीके शिवली दीदी ने सभा में उपस्थित सभी भाई बहनों को जन्माष्टमी का आध्यात्मिक रहस्य समझते हुए बताया कि श्री कृष्णा इस सृष्टि में प्रथम सर्वगुण संपन्न ,16 कला संपूर्ण संपूर्ण निर्विकार आत्मा है इस सृष्टि के प्रथम देवता के रूप में इस सृष्टि पर वह अवतरित होते हैं और जब वह इस धरती पर अवतरित होते हैं तो यह धरती उसे समय स्वर्ग कहलाती है जहां पर सभी प्रकार का सर्व आत्माओं को सदा का सुख प्राप्त होता है ,इसलिए भक्ति मार्ग में भी श्री कृष्ण जी के जीवन में हमेशा संपन्नता का प्रतीक मक्खन दिखाया है उन्हें सदैव मक्खन खाते और दूसरों को खिलाते हुए ही दिखाया है तो वास्तविकता में यह मक्खन संपन्नता का प्रतीक है क्योंकि यह सिद्ध करता है कि जब श्री कृष्णा इस धरती पर जन्म लेंगे तो यह धरती सर्व प्रकार से संपन्न हो जाएगी बीके शिवली दीदी ने बताया कि श्री कृष्ण जी ही वह देवात्मा है जिनके अंदर हमें राजनीतिक प्रशासनिक ,धार्मिक कुशलता सब प्रकार का उनके अंदर व्यक्तित्व झलकता है उन्होंने अपने जीवन में आने वाली हर परिस्थिति समस्याओं का सामना बड़े ही हर्षित मुखता के साथ किया इसलिए ही आज तक भी कृष्ण जी की लीलाओं का वर्णन हम सब पढ़ने और सुनते रहते हैं तो वास्तविकता में श्री कृष्ण जी उसे आभामंडल वाले वाले हैं जिनकी पवित्रता का आभामंडल केवल उन्हीं के चारों ओर नहीं बल्कि उनके साथ रहने वाले सभी आत्माओं पर उनकी पवित्रता का प्रकाश सदैव पढ़ता रहता है ।श्री कृष्ण जी में शारीरिक आरोग्यता और सुंदरता की आत्मिक बल और पवित्रता की तथा गुणों की अत्यंत पराकाष्ठा थी और मनुष्य चोले में जो सर्वोत्तम जन्म हो सकता है वह श्री कृष्ण जी का ही था अन्य कोई भी व्यक्ति शारीरिक या आत्मिक दोनों दृष्टिकोण से इतना सुंदर आकर्षक प्रभावशाली और प्रभुत्वशाली नहीं हुआ है सतयुग से लेकर कलयुग के अंत पर्यंत अन्य कोई भी इतना महान ना हुआ है और ना हो सकता है तो आज इस जन्माष्टमी के अवसर पर हम सब भी यही प्रतिज्ञा करें कि हम केवल श्री कृष्ण जी की पूजा ना कर बल्कि अपने जीवन को भी श्री कृष्ण जैसा बनाने का प्रयास अवश्य करेंगे ।इस कार्यक्रम में सेवा केंद्र पर कई नन्हे मुन्ने बच्चों ने श्री कृष्णा और राधा के रूप में आकर सभी को खूब-खूब आनंदित किया तथा सेवा केंद्र के कई भाई बहनों ने गीत संगीत कविता भजन नृत्य करके कार्यक्रम को मनोरंजन बनाया कार्यक्रम की अंत में मटकी भी फोड़ी गई तथा सभी को प्रसाद वितरित किया गया।