राजकीय महाविद्यालय में खेलकूद समिति व राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय खेल सप्ताह का समापन प्राचार्य डॉ दीपकराज जैन की अध्यक्षता में समारोह पूर्वक किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए खेल प्रभारी डॉ. राजेश कुमार मीना ने मेजर ध्यानचंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए खेलों की महत्ता को छात्राओं को समझाया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के बाद राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी सुमन ने उपस्थित सभी का शब्द सुमनों से स्वागत करते हुए खेलो, खिलो और खिलखिलाओ का संदेश देकर सभी छात्राओं को विभिन्न खेल गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्राचार्य प्रो. जैन ने खेल जीवन का अनुभव बताते हुए कहा कि खेलों ऐसे की जीवन हो, जियो ऐसे की खेल हो। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय परिवार व विद्यार्थी किसी भी प्रकार की प्रतिभा के बीज को वृक्ष में तब्दील करने के लिए प्रयासरत है। यही कारण है कि एक तरफ क्लास में शिक्षा को बढ़ाने के लिए प्रोफेसर मेहनत कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ खेल में विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए भी खेल अधिकारी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। राष्ट्रपति द्वारा बेटियों की स्थिति पर चिंता को उद्धृत करते हुए प्राचार्य ने कहा कि सम्यक शिक्षा और खेलों की गुणवत्ता को बढ़ाकर नई पीढ़ी को सृजनशील बनाया जा सकता है। समारोह में आभार प्रदर्शन करते हुए खेल समिति सह संयोजक डॉक्टर रुपा चौधरी ने कहा कि खेल में प्रतियोगिता का भाव नहीं होना चाहिए अन्यथा वह कार्य बन जाता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रोफेसर मीनाक्षी बघेल, प्रोफेसर उषा बागड़ी, डॉ प्रभा गुप्ता, डॉ सोना अग्रवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम के बाद कब्बडी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें कैप्टन मनीषा शर्मा की टीम विजेता रहीं।