नई दिल्ली।आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को हाल ही में जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। यह सुरक्षा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा के समकक्ष है। संघ प्रमुख की सिक्योरिटी अब जेड प्लस एएससएल कर दी गई है। यह सुरक्षा का घेरा Z+ सिक्योरिटी से भी ज्यादा तगड़ा होता है। जानिए Z+ श्रेणी की सुरक्षा कितने तरह की होती हैं।
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत की सिक्योरिटी बढ़ाने का निर्णय हाल ही में गृह मंत्रालय की समीक्षा में लिया गया। समीक्षा बैठक में यह जानकारी लगी थी कि मोहन भागवत की सुरक्षा बीजेपी शासित राज्यों में चाक चौबंद है। लेकिन गैर भाजपा शासित राज्यों में उनकी सुरक्षा में ढिलाई बरती गई थी। इन स्थितियों को देखते हुए उनकी सुरक्षा जेड प्लस एएएसएल कर दी गई, जो गृहमंत्री अमित शाह की सुरक्षा के समकक्ष है।
कितने तरह की होती हैं जेड प्लस सिक्योरिटी?
जेड प्लस सिक्योरिटी भी कई तरह की होती हैं। हर एक कैटेगरी में सुरक्षा का घेरा अलग अलग तरीके से कवर किया जाता है। जेड प्लस सिक्योरिटी में जेड प्लस कवर, जेड प्लस विद NSG कवर और जेड प्लस विद ASL सिक्योरिटी शामिल हैं। केंद्र सरकार की ओर से देश के अति विशिष्ट व्यक्तियों को हाई सिक्योरिटी दी जाती हैं। इनमें X, Y, Y Plus, Z, Z Plus सिक्योरिटी शामिल हैं। इनके अलावा SPG की सिक्योरिटी भी शामिल है।
क्या होता है Z+ ASL कवर?
एएसएल कवर जेड प्लस सिक्योरिटी में सबसे खास होता है। ये पीएम के एसपीजी कवर की तरह ही होता है। एएसल का अर्थ एडवांस सिक्योरिटी लाइजन होता है। इस कवर में सिक्योरिटी के जवान साथ चलते हैं। वहीं इस तरह की सिक्योरिटी प्राप्त व्यक्ति कहीं जाता है तो उसकी सिक्योरिटी पहले वहां पहुंच जाती है और व्यवस्था देखती है। यह सिक्योरिटी भारत में कुछ ही लोगों के पास है। भारत के गृहमंत्री के बाद अब यह जेड प्लस एएसएल सिक्योरिटी अब मोहन भागवत को भी मिल गई है। खास बात यह है कि इस सिक्योरिटी में आईबी भी शामिल रहती है।
क्या है जेड प्लस NSG कवर?
जेड प्लस सिक्योरिटी में एक कवर NSG कवर होता है। इसमें एनएसजी कमांडो भी शामिल रहते हैं। इनमें एनएसजी कवर की जिम्मेदारी सुरक्षाप्राप्त शख्स को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की होती है। बस इस सिक्योरिटी में एनएसजी कमांडो सुरक्षा प्राप्त शख्स को घर में सुरक्षा नहीं देते हैं और किसी भी अप्रिय घटना से बचाने का कार्य करते हैं।