बांग्लादेश में अंतरिम सरकार ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी पार्टी पर लगा बैन हटा दिया। जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश की सबसे बड़ी मुस्लिम पार्टी है। हसीना सरकार ने 1 अगस्त को इस पर बैन लगाया था। इस पर छात्र आंदोलन के दौरान दंगे भड़काने का आरोप लगा था।बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने एक नोटिस जारी कर कहा कि जमात-ए-इस्लामी पार्टी और उसके सहयोगियों के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के कोई सबूत नहीं है। इसलिए उन पर लगा बैन हटाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने 2013 में जमात-ए-इस्लामी पार्टी के घोषणा पत्र को संविधान का उल्लंघन करने वाला बताया था। इसके बाद पार्टी के चुनाव लड़ने पर बैन लगा दिया गया था। 2018 में चुनाव आयोग ने जमात का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया था।इस पर लगा बैन भले ही अंतरिम सरकार ने हटा दिया है, मगर उसके चुनाव लड़ने पर बैन अभी भी लागू है। जमात-ए-इस्लामी पार्टी के नेताओं ने सोमवार को इंडियन मीडिया कॉरेसपोंडेंट्स एसोसिएशन बांग्लादेश के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की। इस दौरान पार्टी के वकील शिशिर मोनिर ने कहा कि पार्टी अगले हफ्तें चुनाव लड़ने का बैन हटवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी।मीटिंग में पार्टी के नेता डॉ शफिकुर रहमान ने भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर भी जोर दिया। शफिकुर ने कहा,“जमात के भारत के साथ पुराने संबंध रहे हैं। हम भारत के साथ रिश्तों को और बेहतर बनाना चाहते हैं। हमें उम्मीद हैं भारत भी ऐसा ही चाहेगा।

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