नई दिल्‍ली। देश में किसानों के कर्ज लेकर खेती करने,  मौसम की मार से फसल के बर्बाद होने और सूदखोरों से परेशान करने पर आत्महत्या करने जैसे खबरें अक्सर चर्चा में रहती हैं, लेकिन अब अन्नदाता पारंपरिक खेती से हटकर अलग-अलग फसलें उगा रहे हैं। खेती के उन्नत तौर-तरीकों को अपनाकर न सिर्फ मोटा मुनाफा कमा रहे हैं, बल्कि लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं और देश के विकास में अपना योगदान भी।

आज हम आपके लिए लाए हैं, देश के उन चार किसानों की कहानी, जिनको उन्नत खेती से देश के विकास में योगदान देने के लिए 'जागरण एग्री पंचायत समिट व अवार्ड' में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मानित किया है।

अशोक मनवानी: पर्ल फार्मिंग

महाराष्ट्र के गुलाब नगर से आने वाले अशोक मनवानी पिछले 27 सालो से पर्ल फार्मिंग से जुड़े हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में कई इनोवेशन और रिसर्च किया है। मनवानी ने महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और बिहार सहित देश के कई राज्यों की स्थानीय सीपियों की किस्मों से मोती के उत्पादन में सफलता हासिल की है।

अशोक मनवानी कम लागत में सस्टेनेबल पर्ल फार्मिंग के लिए जाने जाते हैं। वह इसकी ट्रेनिंग भी देते हैं। उन्होंने इस्तेमाल में आसान और कम लागत वाले टूल्स को डिजाइन करके पर्ल फार्मिंग को सर्वसुलभ बनाने की कोशिश की है। इनसे जुड़े किसान ड्रैगन फ्रूट सीधे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, इंदौर, भोपाल और भुवनेश्वर समेत अन्य शहरों के बाजार में बेच रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मंगलवार को दिल्‍ली में आयोजित 'जागरण एग्री पंचायत समिट व अवार्ड' में  वैभव चावड़ा को कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया है।