क्षत्रिय की पहचान संस्कारों से होती है। क्षत्रिय का अर्थ है जो देश, धर्म व समाज को क्षय होने से बचाए। हमें इतिहास पढऩे के साथ-साथ इतिहास बनाने वाला भी बनना होगा। राहोली में आयोजित चार दिवसीय श्री क्षत्रिय युवक संघ के प्राथमिक शिविर के समापन पर शिविर संचालक अन्नू बन्ना ने कही। शिविर में विभाग प्रमुख रामसिंह आखतड़ी ने स्वयंसेवकों को क्षत्रिय संस्कारों से परिचित करवाया। इस अवसर पर उप प्रान्त प्रमुख देवेन्द्र सिंह बरवाली, गोविंदसिंह पलेई, देवीसिं