मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में संवेदनशील एवं जवाबदेह शासन सुनिश्चित करने की दिशा में राज्य सरकार की और से मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना का गठन किया गया है। सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की जीवन रक्षा के लिए घायल व्यक्ति को न्यूनतम समय में (गोल्डन ऑवर ) चिकित्सकीय उपचार उपलब्ध कराने के दृष्टिगत आमजन को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के लिए पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों का अतिक्रमण करते हुए राज्य सरकार की और से यह व्यवस्था की गई है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) अखिल अरोड़ा द्वारा जारी आदेश के अनुसार सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को निकटम चिकित्सा संस्थान (हाॅस्पीटलध्ट्रोंमा सेंटर आदि) में पहुंचाने वाले भले व्यक्ति को दस हजार रूपए की राशि देय होगी। योजना का क्रियान्वयन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से किया जाएगा। योजना हेतु सम्पूर्ण बजट समर्पित सड़क सुरक्षा कोष द्वारा वहन किया जाएगा। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को समय से राज्य के सरकारी एवं निजी अस्पताल में पहुंचाने वाले भले व्यक्ति इस योजना में लाभांवित होंगे। घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाला भला व्यक्ति स्वेच्छा से अपनी पहचान आदि देने तथा योजना लाभ लेने को तैयार होने की स्थिति में अस्पताल के ईमरजेंसी रूम में कार्यरत केजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर द्वारा उसका नाम, उम्र, लिंग, पता, मोबाईल नम्बर, पहचान पत्र, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड, एमएलसी नम्बर इत्यादि परिशिष्ठ-1 में अंकित किए जाएंगे। भले व्यक्ति द्वारा स्वेच्छा से अपनी पहचान आदि देने तथा योजना का लाभ लेने को तैयार होने की स्थिति में केजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के अलावा घटना के समय घटनास्थल अथवा चिकित्सालय में मौजूद संबंधित थानाधिकारीध्उपखंड मजिस्ट्रेट द्वारा भी एनेक्सर-क में सूचना अंकित की जा सकेगी। यह भी निर्देश जारी किए गए है कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को निकटम के चिकित्सा संस्थान में पहुंचाने वाले भले व्यक्ति के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए। भले व्यक्ति को उसकी इच्छानुसार तत्काल अस्पताल छोडने की अनुमति दी जाए। यदि घायल व्यक्ति गंभीर श्रेणी का है तो उसकी मदद करने वाले भले व्यक्ति को दस हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।