एक नई स्टडी बताती है कि Y क्रोमोसोम तेजी से कम (Y chromosome shrinking) हो रहे हैं। ऐसे में, आपके मन में भी कुछ सवाल उठ रहे होंगे जैसे कि अगर ये जेनेटिक बदलाव वाकई में हो गया तो क्या होगा? क्या कोई नया गुणसूत्र पुरुष होने का फैसला करेगा या फिर प्रजनन के अन्य तंत्र विकसित होंगे। वैज्ञानिकों को डर है कि ये मनुष्य जाति के भविष्य के लिए खतरा भी बन सकता है। आइए जानें।
दरअसल, दो साल पहले एक रिसर्च पेपर छपा था जिसमें बताया गया था कि कैसे चूहे की एक खास प्रजाति (स्पाइनी रैट) में नर होने का फैसला करने वाला एक नया जीन विकसित हो गया है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि पुरुषों के विकास के लिए जरूरी Y क्रोमोसोम सिकुड़ रहा है और हो सकता है भविष्य में खत्म हो जाए। यह सुनने में भले ही किसी साइंस फिक्शन फिल्म की कहानी लगे, पर ये सच है। एक बड़ा डर है कि अगर ऐसा हुआ तो सिर्फ लड़कियां ही पैदा होंगी। पुरुषों के XY क्रोमोसोम उनके शरीर को नर बनाते हैं, लेकिन Y क्रोमोसोम का लुप्त होना ये चिंता पैदा करता है कि क्या ये इंसानों की नई प्रजातियां बना सकता है?
प्रोफेसर जेनी ग्रेव्स ने प्लैटिपस के उदाहरण से ये समझाया। उन्होंने लिखा, "प्लैटिपस में XY क्रोमोसोम एक जैसे होते हैं। इसका मतलब ये है कि स्तनधारियों में X और Y क्रोमोसोम कुछ समय पहले तक एक जैसे ही हुआ करते थे।"
उन्होंने आगे कहा, "पिछले 16 करोड़ सालों में इंसानों और प्लैटिपस के अलग होने के बाद से Y क्रोमोसोम 900 से 55 जरूरी जीन खो चुका है। यानी हर 10 लाख सालों में Y गुणसूत्र 5 जीन खो देता है। इसी रफ्तार से चलता रहा तो अगले 110 लाख सालों में Y गुणसूत्र पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।"
क्या धरती से गायब हो जाएंगे पुरुष?
प्रोफेसर ग्रेव्स का कहना है कि "इस स्टडी से ये पता चलता है कि इंसानों में एक नया सेक्स-डिटरमिनिंग जीन विकसित हो सकता है।" हालांकि ये इतना आसान भी नहीं है। उन्होंने आगे कहा, "एक नया सेक्स-डिटरमिनिंग जीन विकसित होने से खतरे भी हो सकते हैं। हो सकता है दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह के सेक्स-डिटरमिनिंग जीन विकसित हो जाएं।"
अगर ऐसा हुआ तो हो सकता है कि 11 करोड़ साल बाद धरती पर या तो इंसान बचे ही ना या फिर कई अलग-अलग तरह के इंसान पाए जाएं, जिनमें नर और मादा होने का तरीका बिल्कुल अलग हो।