बाइक टैक्सी रैपिडो सभी ने कभी न कभी इस्तेमाल की होगी, नहीं तो नाम तो सुना ही होगा। वही रैपिडो जो कम कीमत पर बाइक टैक्सी सर्विस देती है। यह देश की पहली बाइक टैक्सी है, जिसे मार्केट में आने के बाद मोटर एक्ट फाॅलो न करने की वजह से नेगेटिव पब्लिसिटी मिली थी। 2019 में तमिलनाडु में कंपनी की व्हीकल जब्त की गई थीं।दिल्ली और महाराष्ट्र दोनों ही राज्यों में रैपिडो सर्विस को बैन किया गया था। इन चुनौतियों का सामना करने वाली कंपनी रैपिडो हाल ही में यूनिकॉर्न बनी।

आज मेगा एंपायर में बात 6,900 करोड़ की बाइक टैक्सी कंपनी रैपिडो की…

बेंगलुरु में अरविंद संका, पवन गुंटुपल्ली और एसआर ऋषिकेश ने मिलकर 2015 में रैपिडो की शुरुआत की। पवन गुंटुपल्ली का जन्म तेलंगाना में हुआ था। किसान परिवार से आने वाले पवन ने बचपन में ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीख ली।

उनके पिता खेती के साथ बिजनेस भी किया करते थे। वह अक्सर पिता को काम करते देखते थे। पवन के पिता उनसे कहते थे कि अगर सक्सेस चाहिए तो बेटा सिर्फ दूसरों की भलाई करना। इसी को इंस्पिरेशन बनाकर उन्होंने आगे का सफर

मेगा एंपायर- ट्रैफिक जाम से परेशान होकर शुरू किया Rapido:7 बार फेल हुआ स्टार्टअप, आठवीं बार में खड़ी हुई 6,900 करोड़ की कंपनी

1 दिन पहले

बाइक टैक्सी रैपिडो सभी ने कभी न कभी इस्तेमाल की होगी, नहीं तो नाम तो सुना ही होगा। वही रैपिडो जो कम कीमत पर बाइक टैक्सी सर्विस देती है। यह देश की पहली बाइक टैक्सी है, जिसे मार्केट में आने के बाद मोटर एक्ट फाॅलो न करने की वजह से नेगेटिव पब्लिसिटी मिली थी। 2019 में तमिलनाडु में कंपनी की व्हीकल जब्त की गई थीं।

दिल्ली और महाराष्ट्र दोनों ही राज्यों में रैपिडो सर्विस को बैन किया गया था। इन चुनौतियों का सामना करने वाली कंपनी रैपिडो हाल ही में यूनिकॉर्न बनी।

आज मेगा एंपायर में बात 6,900 करोड़ की बाइक टैक्सी कंपनी रैपिडो की…

बेंगलुरु में अरविंद संका, पवन गुंटुपल्ली और एसआर ऋषिकेश ने मिलकर 2015 में रैपिडो की शुरुआत की। पवन गुंटुपल्ली का जन्म तेलंगाना में हुआ था। किसान परिवार से आने वाले पवन ने बचपन में ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीख ली।

उनके पिता खेती के साथ बिजनेस भी किया करते थे। वह अक्सर पिता को काम करते देखते थे। पवन के पिता उनसे कहते थे कि अगर सक्सेस चाहिए तो बेटा सिर्फ दूसरों की भलाई करना। इसी को इंस्पिरेशन बनाकर उन्होंने आगे का सफर तय किया।

ये हैं पवन गुंटुपल्ली। साउथ कोरिया से जॅाब छोड़ कर इन्होंने रैपिडो शुरू किया था। - Dainik Bhaskar

ये हैं पवन गुंटुपल्ली। साउथ कोरिया से जॅाब छोड़ कर इन्होंने रैपिडो शुरू किया था।

स्टार्टअप के लिए छोड़ी सॉफ्टवेयर डेवलपर की जॉब

आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई पूरी करने के बाद पवन की जॉब सैमसंग कंपनी में लग गई। सैमसंग में पवन ने सॉफ्टवेयर डेवलपर का काम किया। इसके बाद पवन जॉब करने साउथ कोरिया चले गए। वहीं काम के दौरान ही उन्हें खुद का बिजनेस करने का आइडिया आया।

फिर क्या, पवन जॉब छोड़कर वापस इंडिया आ गए। वह स्टार्टअप के नए आइडिया तलाशते रहे और एक्सपेरिमेंट करते रहे। इसी दौरान उन्होंने अपने स्कूल के दोस्त अरविंद संका के साथ मिलकर ‘द कैरियर’ (theKarrier) नाम से स्टार्टअप की शुरुआत की। ‘द कैरियर’ स्टार्टअप में वे मिनी ट्रक से इंटरसिटी लॉजिस्टिक्स सर्विस देते थे।

हालांकि उनका यह स्टार्टअप जल्द ही फेल हो गया। मिनी ट्रक चलाने के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत थी। इस वजह सेरिव्यू के लिए घूमते रैपिडो पर

तमाम विवादों के बावजूद कंपनी 497 करोड़ रुपए के रेवेन्यू के साथ ग्रो कर रही है। इसकी वजह शायद यह है कि पवन गुंटुपल्ली आज भी दिन में करीब दो से तीन राइड बुक करते हैं। कैप्टन से अनजान बनकर बात करते हैं और रैपिडो का रिव्यू लेते हैं। ऐसा कर वह कैप्टन की समस्या समझने की कोशिश करते हैं ताकि उन्हें सॉल्व कर कंपनी की ग्रोथ बढ़ाई जा सके। स्टार्टअप बंद करना पड़ा।य किया