सिंधी समाज ने आज रविवार को हर्षोल्लास एवं विधि-विधान से थदड़ी पर्व मनाया। श्री झूलेलाल विकास समिति के अध्यक्ष महेश आहूजा ने बताया कि किसी समय में सिंध प्रांत में हजारों वर्ष पूर्व मोहनजोदड़ो की खुदाई में मां शीतला की प्रतिमा निकली थी तथा उस वक्त कई प्रकार की महामारी की बीमारियां फैल गई थी जैसे चेचक के दाग अन्य बीमारियां उस वक्त हिंदू सिंधियों ने राखी के आठवें दिन बाद सिंधी हिंदुओं ने एक दिन पूर्व संध्या पर तरह-तरह के व्यंजन भोग
के लिए बेसन की रोटी,मीठी रोटी, मालपुआ,नान कटाई,जेपी मावा युक्त हवा दही बड़े इत्यादि बनाकर दूसरे दिन पूर्ण रूप से चूल्हा न जलाकर माता शीतला को भोग लगाकर माता शीतला की पूजा अर्चना आरती की तब की सारी बीमारियां चली गई, तबसे सिंधी हिंदू परिवार हर वर्ष नदी कुए मंदिरों पर जाकर माता शीतला की ब्राह्मणों के माध्यम से पूजा अर्चना करते हैं ।आज सिंधी समाज ने बोरखेड़ा स्थित जय श्री झूलेलाल भवन रॉयल सनसिटी में पंडित जीतू शर्मा ने सैकड़ो महिलाओं को आज पूजा अर्चना करवाई।इसी प्रकार से शहर के अलग-अलग क्षेत्र में सिंधी समाज अपने सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर अपने-अपने क्षेत्र में अपने-अपने ब्राह्मण के माध्यम से पूजा अर्चना की और दिनभर चूला नहीं जलाया। आहूजा ने बताया कि इसी प्रकार गणेश तालाब बसंत विहार में पंडित हीरालाल शर्मा ने सिंधी समाज को पूजा अर्चना करवाई तथा कामना की दुनिया में कहीं भी किसी प्रकार से कभी किसी प्रकार की महामारी नहीं फेले तथा देश में अमन शांति रहे।