बून्दी। कोटा विकास प्राधिकरण के गत 2023-24 के बजट में 1593 करोड़ और 2024-25 के बजट मे 1589 करोड़ इस प्रकार कुल 3182 करोड़ दिये गए है लेकिन बूंदी जिले के गांवो विकास के लिए 1 रुपये की कोई योजना नहीं है तथा केडिए में शामिल बूंदी जिले के 64 गांव एवं 1 नगर पालिका क्षेत्र के लिए बजट घोषणा में भी कोई योजना स्वीकृत नहीं की गई है यह कहना है बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा का।
उन्होने कहा कि केडीए में बूंदी जिले के 64 गांव एवं 1 नगर पालिका मिलाई गई है इन गांव की लाखों बीघा आबादी, चरागाह, एवं वन विभाग की भूमि भी प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में चली गई। इस कारण पंचायतों के अधिकार समाप्त हो गए हैं। 3000 बीघा जमीन जिस पर एयरपोर्ट बनाया जा रहा है वह भी बूंदी जिले की है। एमओयू में बूंदी का नाम तक अंकित नहीं है। केडीए मे शामिल 64 गांव एवं 1 नगर पालिका क्षेत्र को निकालकर वापस बूंदी में मिलाये जाये और बूंदी विकास प्राधिकरण की गठन करने की मांग भी विधानसभा में उठाई थी। कोटा नेतृत्व का इरादा बूंदी को कोटा का उपनगर बनाने का है  जिससे भविष्य में जिले के संगठनात्मक स्वरूप को भी खतरा पैदा हो सकता है । एयरपोर्ट बनाए जाने वाली 3000 बीघाभूमि की एवज में कोटा एयरपोर्ट के विक्रय से प्राप्त होने वाली राशि को भी बूंदी के विकास में खर्च किया जाए इसका भी कोई प्रावधान नहीं किया है और इस प्रकार बूंदी के साथ अन्याय हो रहा है। कुछ बूंदी के नेता अपने पदो को बनाये रखने, पद प्राप्त करने और निजी भविष्य को सुरक्षित रखने की  परिकल्पना से मौन साधकर इस अन्याय में प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग कर रहे हैं जो बूंदी के साथ विश्वासघात है साथ ही चुने हुए जनप्रतिनिधियों का मौन भी चिंता का विषय है। बूंदी विधायक ने कहा कि लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री से है कि कोटा विकास प्राधिकरण को समाप्त कर बूंदी जिले के सर्वांगीण विकास के लिए बूंदी मे यू.आई. टी. की स्थापना व कोटा एयरपोर्ट के विक्रेय से प्राप्त राशि को भी बूंदी के विकास के लिए खर्च किया जावे।