प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सावन की नवमी पर श्री गोपाल लाल जी गर्भ ग्रह से बगीचे में आकर श्रद्धालुओं एवं भक्तजनों को दर्शन दिए, सावन की नवमी को बगीचा नवमी के नाम से जाना जाता है इस अवसर पर पुजारी पंडित मधुसूदन शर्मा ने श्री गोपाल लाल जी को पंचामृत से स्नान करवा कर नए पोशाक धारण करवाई तथा वैदिक मंत्रोचार् के साथ पूजा अर्चना कर पुष्पों से मालाओं से श्रृंगार किया और बगीचे को भी सजाया गया
वल्लभ संप्रदाय की प्रथम पीठ श्री गोपाल लाल मंदिर पर बगीचा नवमी पर भजन कीर्तन कर भगवान को झूले में झुलाया
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