2019 में कांवड़ यात्रा पर हमले के बाद पिछले 4 सालों से बंद हुई कांवड़ यात्रा सोमवार को एकबार फिर से मालपुरा शहर में परम्परागत मार्ग से हर्षों-उल्लास के साथ निकली. कांवड़ यात्रा के मालपुरा शहर पहुचनें के बाद हजारों लोगों की भीड़ इसे देखने के लिए उमड़ पड़ी. वहीं खुद जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने मालपुरा में कांवड़ यात्रा का स्वागत किया और कहा कि 'पिछली सरकार के समय स्टेट हाइवे पर आम आदमी का निकलना मुश्किल था, लोग पथराव करते थें आज हमारा दुबारा कांवड़ शुरू करने का संकल्प पूरा हुआ.' मालपुरा में सोमवार को कांवड़ यात्रा को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान अधिकारी मौजूद नजर आए. भले ही कांवड़ यात्रा में अनुमति शर्तों के साथ दी गई थी. लेकिन कांवड़ यात्रा के मालपुरा पहुंचते ही हजारों लोगों की भीड़ कांवड़ यात्रा के स्वागत में उमड़ पड़ी. इस दौरान भारी पुलिस की तैनाती की गई थी. कावड़ियों की टोली ने मालपुरा शहर में मौजूद केदारनाथ मंदिर में पहुंचकर 4 साल बाद अभिषेक किया. मालपुरा में निकलने वाली कांवड़ यात्रा बीसलपुर से टोडारायसिंह होकर मालपुरा हताई मोहल्ला, सादात मोहल्ला होकर 2019 से पहले शांति के साथ मालपुरा पहुंचती थी. लेकिन 2019 में एक समुदाय विशेष के मोहल्ले में कांवड़ यात्रा पर हमला हुआ, जिसमें कई कांवड़िए घायल हुए थे. उसके बाद कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने कांवड़ यात्रा की 2020 में मार्ग परिवर्तित कर दी गई. जिसके बाद पिछले चार सालों से कांवड़ यात्रा बंद थी.इस बार प्रदेश में सरकार बदलने के बाद कांवड़ यात्रा अब एक बार फिर से उसी परम्परागत मार्ग से निकली. इसी को लेकर टोंक जिले के मालपुरा से लेकर टोडारायसिंह तक चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात रहें. वह कस्बे 50 से ज्यादा सीसी टीवी कैमरों से लेकर ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही थी. वही सभी असामाजिक तत्वों को पुलिस पहले ही पाबंद कर चुकी थी.

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