हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप की कंपनियों में SEBI चीफ माधबी पुरी बुच की हिस्सेदारी के खुलासे के बाद राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि संसद का मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलने वाला था। हालांकि, इसे 9 अगस्त को अचानक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। अब हमे इसका कारण पता चला।जयराम रमेश ने इस ओर इशारा किया कि सरकार को रिपोर्ट की भनक पहले ही लग गई थी। इसलिए 12 अगस्त तक चलने वाली संसद को जानबूझकर तीन दिन पहले स्थगित कराया। ताकी इस पर चर्चा न हो सके।उन्होंने X पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर बयान भी जारी किया। इसके कांग्रेस ने भी शेयर किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2022 में SEBI चीफ बनने के तुरंत बाद माधबी पुरी बुच ने गौतम अडाणी के साथ दो मीटिंग्स की। जबकि, उस समय SEBI कथित तौर पर अडाणी के लेन-देन की जांच कर रहा था। कांग्रेस महासचिव ने लिखा- हिंडनबर्ग रिसर्च के खुलासे हैरान करने वाले हैं। इससे पता चलता है कि माधबी और उनके पति धवल बुच ने बरमूडा और मॉरीशस स्थित ऑफशोर फंड में निवेश किया था।इसी फंड में अडाणी के भाई विनोद अडाणी और उनके करीबी सहयोगियों चांग चुंग-लिंग और नासिर अली शाहबान अहली ने बिजली उपकरणों के ओवर-इनवॉइसिंग से कमाए रुपए इन्वेस्ट किए थे।जयराम ने लिखा- SEBI के नियमों का उल्लंघन करके इन फंड्स का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप की कंपनियों में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए किया गया। यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि बुच की इन्हीं फंड्स में वित्तीय हिस्सेदारी थी।कांग्रेस महासचिव ने आगे बताया कि अडाणी से जुड़े घोटाले की जांच करने में SEBI की अनिच्छा लंबे समय से सबके सामने है। सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी ने इसका संज्ञान भी लिया था।