राजस्थान में राज्य परिवहन विभाग की ओर से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर दी गई समय सीमा कल यानी शनिवार को खत्म हो गई. इसके बाद इन वाहनों पर 2500 से 5000 रुपये तक का चालान काटा जा सकता है. क्योंकि कयास लगाए जा रहे थे कि शायद विभाग छूट की अवधि बढ़ाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद रविवार से बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले इन वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी. परिवहन विभाग ने जनता की सुविधा के चलते छूट की यह अवधि दो बार बढ़ाई है. इससे पहले विभाग ने हाल ही में आवेदन की तारीख 10 अगस्त तक बढ़ाई थी. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने की आखिरी तारीख 31 जुलाई तय की थी. लेकिन लाखों वाहनों की संख्या होने के कारण इसकी समय-सीमा में छूट देते हुए इसे 10 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था. विभाग ने दिसंबर 2023 से इसकी आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी. इस दौरान प्रदेश में 32 लाख वाहनों में से 31 जुलाई तक करीब 7.27 लाख वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई गई. वहीं 1 से 10 अगस्त के बीच तीन लाख से ज्यादा वाहनों के लिए आवेदन किए गए. कुल मिलाकर अब तक प्रदेश में 10 लाख से ज्यादा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जबकि करीब 28 लाख वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अभी भी लगना बाकी है। जिन वाहनों की नंबर प्लेट का अंतिम अंक एक या दो है, उनके लिए अंतिम तिथि 29 फरवरी, तीन या चार अंक वाले वाहनों के लिए 31 मार्च, पांच और छह अंक वाले वाहनों के लिए 30 अप्रैल, सात और आठ अंक वाले वाहनों के लिए 31 मई और नौ और शून्य अंक वाले वाहनों के लिए 30 जून 2024 थी. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए वाहन चालकों को सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता था। जिसके बाद पोर्टल के संबंधित कॉलम में वाहन से जुड़ी जानकारी देने के बाद उसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो जाता था। इसके बाद ऑनलाइन तय फीस जमा करने के बाद संबंधित एजेंसी में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने की तारीख दी जाती थी. इस बारे में परिवहन अधिकारियों का कहना है कि राज्य में दिसंबर 2023 से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगना शुरू हुई थी. इससे पहले राजस्थान में पुराने वाहनों में एचएसआरपी नंबर प्लेट नहीं लगाई जा रही थी. इस दौरान राजस्थान की बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की गाड़ियों को दिल्ली में चालान किया जाता था. जिसके बाद यह फैसला लिया गया.