वरिष्ठ सहायक के टोंक स्थित निवास की तलाशी में 6 लाख रुपये से अधिक की संदिग्ध राशि मिली
टोंक/बूंदी। भ्रष्टाचार निरोध क ब्यूरो मुख्यालय के निर्देश पर ए.सी.बी. तकनीकी शाखा द्वारा विकसित सूत्र-सूचना पर शुक्रवार को ए.सी.बी. की विभिन्न टीमों ने टोंक में कार्यवाही करते हुये सुल्तान सिंह मीणा मुख्य प्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, टोंक एवं अजय खण्डेलवाल वरिष्ठ सहायक, जिला उद्योग केन्द्र बूंदी को आरोपी सुल्तान सिंह के टोंक स्थित निवास पर छापा मारकर 1 लाख रुपये संदिग्ध रिश्वत राशि लेते देते गिरफ्तार किया है। मामले में संलिप्त आरोपी जयंत जैन चार्टेड अकाउंटेंट निवाई, टोंक को भी पकड़ा गया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि ए.सी. बी. मुख्यालय को एक गोपनीय सूत्र-सूचना इस आशय की प्राप्त हुई कि जिला उद्योग केन्द्र टोंक में पदस्थापित मुख्य प्रबंधक सुल्तान सिंह मीणा द्वारा जिला उद्योग केन्द्र, बूंदी के वरिष्ठ सहायक अजय खण्डेलवाल के माध्यम से विभिन्न औद्योगिक विकास योजनाओं में गलत रिपोर्ट बनाने, गलत लोन पास करने, फर्जी बिलों के आधार पर अयोग्य व्यक्तियों को अनुचित लाभ पहुँचाने की एवज में रिश्वत राशि का लेन-देन कर रहे हैं।
जिस पर एसीबी मुख्यालय स्थित तकनीकी शाखा के उप अधीक्षक पुलिस राजेश दुरेजा की टीम द्वारा तकनीकी/गोपनीय रूप से शिकायत का सत्यापन किया गया। ए.सी.बी. जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस रणधीर सिंह के सुपरवीजन में सत्यापन से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर शुक्रवार को ए.सी.बी. टोंक इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झाबरमल, ए.सी.बी इकाई भीलवाड़ा के उप अधीक्षक पुलिस पारसमल एवं ए.सी.बी एस.आई.यू. इकाई, जयपुर के पुलिस निरीक्षक सज्जन कुमार की टीमों द्वारा कार्यवाही करते हुये आरोपीगण सुल्तान सिंह मीणा मुख्य प्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, टोंक एवं अजय खण्डेलवाल वरिष्ठ सहायक, जिला उद्योग केन्द्र, बूंदी को आरोपी सुल्तान सिंह के टोंक स्थित निवास पर छापा मारकर 1 लाख रुपये संदिग्ध रिश्वत राशि लेते देते गिरफ्तार किया है। मामले में संलिप्तता के आधार पर आरोपी जयंत जैन चार्टेड अकाउंटेंट निवाई, टोंक को भी पकड़ा गया है। आरोपी अजय खण्डेलवाल के टोंक स्थित निवास की तलाशी में 6 लाख रुपये से अधिक की संदिग्ध राशि भी बरामद की गई है।
एसीबी जयपुर की अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ तथा कार्यवाही जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा।