ढाका। बांग्लादेश में सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के एक दिन बाद ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के नेताओं ने मंगलवार को कहा कि वे नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) को देश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाना चाहते हैं।

आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि उन्होंने यूनुस (84) से पहले ही बात कर ली है और वह बांग्लादेश को बचाने की खातिर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हो गए हैं।

शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने पर डॉ. यूनुस ने कहा,"हम मुक्त हो गए हैं और अब हम एक आजाद देश हैं। जब तक वो यहां थीं, हम कब्जे में थे। वो एक कब्जा करने वाली शक्ति, एक तानाशाह, एक सेनापति की तरह व्यवहार कर रही थीं, वो सब कुछ नियंत्रित कर रही थीं।"

अंतरिम सरकार में मुख्य सलाहकार होंगे मुहम्मद यूनुस 

नाहिद इस्लाम ने कहा, ‘‘हमने निर्णय लिया है कि अंतरिम सरकार बनाई जाएगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस मुख्य सलाहकार होंगे। उनकी व्यापक स्वीकार्यता है।’’

कौन हैं मुहम्मद यूनुस? 

गरीब लोगों के लिए बैंकिंग सुविधा संबंधी यूनुस के प्रयोग ने बांग्लादेश को लघु ऋण का केंद्र होने की पहचान दिलाई। यूनुस फिलहाल देश से बाहर हैं, लेकिन उन्होंने हसीना के अपदस्थ होने का स्वागत किया और इस घटनाक्रम को देश की ‘‘दूसरी मुक्ति’’ करार दिया।

गरीबों की जिंदगी बनाई बेहतर 

यूनुस को ग्रामीण बैंक के माध्यम से गरीबी उन्मूलन अभियान चलाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके इस तरीके को विभिन्न महाद्वीपों में अपनाया गया।

यूनुस और हसीना सरकार के बीच अस्पष्ट कारणों से लंबे समय से विवाद है। हसीना के 2008 में सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई जांच शुरू की थीं।

बांग्लादेश के प्राधिकारियों ने 2011 में वैधानिक ग्रामीण बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की थी और सरकारी सेवानिवृत्ति विनियमन का उल्लंघन करने के आरोप में यूनुस को इसके संस्थापक प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया था।

शेख हसीना की खिलाफत करते आए हैं मुहम्मद युनूस 

यूनुस ने एक साक्षात्कार में देश वापस लौटने और अपना काम जारी रखने की इच्छा जताई थी। उन्होंने साथ मिलकर ‘‘बांग्लादेश को आजाद कराने’’ के लिए छात्रों की प्रशंसा की थी और हसीना पर अपने पिता एवं बांग्लादेश के संस्थापक ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की विरासत को नष्ट करने का आरोप लगाया था।

बांग्लादेश में सोमवार को उस समय अराजकता फैल गई, जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा दे दिया और वह सैन्य विमान से देश छोड़कर चली गईं।

हसीना के देश छोड़कर जाने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोगों ने उनके आवास में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की। देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में पिछले 15 दिन में 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।