विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अग्नीवीरों को शहीद का दर्जा देने का मुद्दा उठाया. सरकार ने लिखित जवाब में बताया कि किसी सैनिक के शहीद होने पर राज्य सरकार के घोषित कारगिल पैकेज के तहत मुआवजा दिया जाता है. सशस्त्र सेना और CAPF के मुख्यालयों से बैटल कैजुअल्टी या स्थाई दिव्यांगता प्रमाण पत्र पर ही कारगिल पैकेज देय है. संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि अग्निवीर भी सशस्त्र सेना का अंग है, ऐसे में उन्हें भी बैटल कैजुअल्टी घोषित किया जाता है, तो अग्निवीर को भी राज्य सरकार राहत पैकेज देगी.  नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार के जवाब से स्पष्ट है कि राजस्थान में अग्निवीरों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा, इसलिए उन्हें शहीद का पैकेज भी नहीं मिलेगा. टीकाराम जूली ने कहा कि राहुल गांधी ने भी लोकसभा में मुद्दा उठाया था. राजस्थान से सबसे अधिक सैनिक निकलते हैं, हाल ही में राजस्थान का पहला अग्निवीर शहीद अलवर का है. सरकार जिस पैकेज की बात कर रही है, वो इंश्योरेंस का पैसा है. राजस्थान सरकार ने कई नौकरियों में अग्नि वीरों को वरीयता देने के सवाल पर कहा कि अभी केवल इस तरह की घोषणा हुई है, जवाब में सरकार ने इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी है.