चित्तौड़गढ़ की पावन धरा पर श्रावण मासीय चातुर्मास कथा महोत्सव समिति के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा तखतगढ़ धाम पाली से पधारें पूज्य युवा संत श्री अभय दास जी महाराज द्वारा इनाणी सिटी सेंटर में रसमय , भक्तिमय , सुरीले भजनों के साथ कथा सुनाई जा रही है । बहुत बड़ी संख्या में भक्तजन कथा सुनने हेतु दूर-दूर से आ रहे हैं । सोमानी परिवार के सदस्य श्री चिन्मय सोमानी , अक्षिता सोमानी और शिवांश सोमानी बेंगलुरु से भक्तिमय कथा का आनंद लेने पधारें अभय दास जी महाराज ने राजर्षि ध्रुव एवं पृथु आदि का चरित्र चित्रण करते हुए बताया कि ध्रुव जी महाराज नारद मुनि के कहने पर यहाँ आए थे, यहाँ आकर उन्होंने 5 वर्ष की अवस्था में तपस्या की थी। उन्होंने ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप किया था। श्रेष्ठ से श्रेष्ठ पुरुष ने भी अंत में अपने जीवन में भजन माँगा । आज श्री परशुराम भागवत सेवा समिति एवं श्री परशुराम रामायण मंडल चैरिटेबल ट्रस्ट के सानिध्य में भागवत आचार्य पंडित जनार्दन मौड़ के द्वारा ईनाणी सिटी सेंटर में चल रही भागवत कथा व्यास अभयदास जी महाराज का सम्मान किया गया जिसमें समिति के संयोजक डॉक्टर योगेश व्यास समिति के संस्थापक अध्यक्ष हरिओम मौड़ समिति के व्यवस्थापक अशोक तिवारी, मुरलीधर तोषनीवाल,मंडल के सदस्य अरुण मौड़, हिमांशु मौड़, भेरूलाल दसोरा, रमेश सोनी महिला मंडल में प्रेमलता मोड अनामिका चौहान, खुशी गर्ग, निर्मल सोनी, लता तिवारी आदि द्वारा महाराज श्री का मेवाड़ी शान पगड़ी पहनकर एवं साल ओडा कर एवं प्रत्येक सदस्य द्वारा ऊपरना द्वारा सम्मान किया गया ,कथा में विशिष्ट अतिथि पूर्व अध्यक्ष अखिल भारतीय महर्षि सेवा सदन श्री जुगल किशोर बिरला , मुख्य अतिथि अखिल भारतीय माहेश्वरी सेवा सदन अध्यक्ष श्री शरद मूंदड़ा , प्रजापत समाज जोधपुर अध्यक्ष श्री रामस्वरूप प्रजापत , माली समाज जोधपुर अध्यक्ष श्री सुभाष माली , दाधीच समाज अध्यक्ष श्री जगदीश दाधीच भक्तिमय कथा श्रवण हेतु पधारें। समिति की महिला सदस्य इंदिरा सुखवाल , तारा धाकड़ तथा अलका चतुर्वेदी ने पांडाल बैठक व्यवस्था तथा गायत्री राव श्रद्धा खंडेलवाल यशोदा मेवाड़ा राधिका पटवा , सुधा बसेर ने जल सेवा में सहयोग किया ।चंदा पाराशर, अंजना गोस्वामी, मधु नुवाल,सरस्वती शर्मा ,मधु पारीक सपना सोनी, लक्ष्मी उपाध्याय, शीला भराड़िया, विदुषी बिल्लू ,यशोदा सोनी ,मीना सुखवाल, संगीता कलंत्री सोनी ,संतोष भाई छिपा, इंदिरा पवार ,दुर्गा पवार, रानू बाई कुमावत ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया