ओल्ड राजेंद्र नगर हादसे की जांच दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी है। जज ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हम जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर रहे हैं। जज ने हादसे पर अब तक की जांच पर नाराजगी जताते हुए दिल्ली पुलिस को खरी खोटी सुनाई। जज ने कहा कि अगर आपको एमसीडी से फाइल नहीं मिल रही है तो फिर आप उनके ऑफिस में जाकर फाइल जब्त कर लीजिए। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'सड़क से गुजर रहे व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार किया गया? पुलिस का सम्मान तब होता है जब आप अपराधी को गिरफ्तार और निर्दोष को छोड़ देते हैं। आप निर्दोष को गिरफ्तार करेंगे और दोषी को छोड़ देंगे हैं, तो यह बहुत दुखद होगा। कोर्ट की टिप्पणी पर डीसीपी बोले, 'जब पानी आया तो वहां पर करीब 20 से 30 बच्चे थे। अचानक काफी तेजी से पानी आया। ये एक बड़ा सा हॉल था। जब ये हुआ तो वहां का लाइब्रेरियन भाग गया था। काफी बच्चे निकालने में कामयाब हुए लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि शीशा टूट गया। एक टेबल के कारण भी निकलने में दिक्कत आई। वहां पर कोई बायोमेट्रिक नहीं था। डीसीपी ने कहा कि हमारा बीट कांस्टेबल भी वहां पर पहुंचा था उसके गले तक पानी आ गया था बाद में हमने एनडीआरएफ की मदद से राहत और बचाव का काम किया।