बूंदी। अपर जिला न्यायाधीश क्रम- 2 मीनाक्षी मीणा ने नगर परिषद को आदेशित किया कि 1993 में दशहरा व्यवसायिक योजना में विक्रय की गई दुकानों व बाजार को नक्शे के अनुसार 6 माह में विकसित करे।
बूंदी में पुराना दशहरा मैदान जहां रावण दहन किया जाता था उस स्थान पर तत्कालीन नगरपालिका बूंदी ने दशहरा व्यवसायिक योजना के नाम से दुकानें काटी थी और नक्शा प्रस्तावित कर बताया गया था कि यहां पूरा बाजार विकसित करेंगे तो बूंदी के नामचीन व्यापारियों ने यहां पर ऊंची दरों में नीलामी में दुकानें क्रय की और करीब 60-70 व्यापारियों ने दुकानें खरीदी और दुकानों का निर्माण करा लिया, लेकिन नगरपालिका द्वारा इस बाजार में कोई भी सड़क, प्रकाश, सफाई व सुविधाएं विकसित नहीं की जिसके परिणामस्वरूप उस स्थान में जगह-जगह बबूल उग गए, कचरा, कीचड़, गंदगी आदि हो गई, आसपास के लोगों ने अतिक्रमण करके पक्के निर्माण करा लिए। लेकिन नगर पालिका ने कोई ध्यान दिया, तब 27 व्यापारियों मोहनलाल बिड़ला, पवन लढ्ढा, प्रदीप लड्ढा, आशुतोष मूंदड़ा, गिरीश विजय, प्रेमचंद गोधा, लक्ष्मीचंद बहेड़िया, प्रेमलता जैन, अमीर अली, श्रीमती बानू, सत्यनारायण नंदवाना, देवराज सैनी, नंदिनी शर्मा, श्याम लड्डा राजकुमार तोतला, विमल चंद, वीरेन्द्र कुमार जैन, भंवर लाल मेवाड़ा, नरेंद्र सिंह, राजेंद्र सोनी, प्रशांत भारद्वाज, मोहम्मद इस्माइल, भंवरलाल गर्ग, नंदकिशोर, ताहिर अली, राकेश छाबड़ा, देवकरण मीणा ने वरिष्ठ अधिवक्ता सोहनलाल जैन व अनुराग शर्मा एडवोकेट के माध्यम से वर्ष 2004 में सिविल न्यायालय बूंदी में एक दावा पेश कर मांग की कि नगर पालिका स्वीकृत नक्शे के अनुसार इस बाजार में सड़कें, प्रकाश, सुविधाएं आदि विकसित करे और जब तक नगरपालिका बाजार विकसित नहीं कर दें व्यापारियों से नगरीय कर की वसूली स्थगित रखी जाए। क्योंकि व्यापारियों की सारी पूंजी निवेश हो गई है और बाजार विकसित नहीं होने के अभाव में उनकी पूंजी का ह्रास हो गया है।

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 नगरपालिका ने जवाब पेश करके स्वीकार किया कि नियमानुसार विकसित करना हमारा कार्य है और हमने प्रस्ताव भेज रखें हैं। न्यायालय ने यह वाद 2014 में यह कहकर खारिज कर दिया कि नगरीय कर जमा कराया जाए, नगर पालिका ने बाजार विकसित करने के लिए कोई अनुबंध नहीं किया। इस आदेश की अपील उक्त व्यापारियों ने जिला न्यायाधीश बूंदी में प्रस्तुत की। यह अपील अपर जिला न्यायाधीश क्रम 2 में स्थानांतरित कर दी गई जहां गुरुवार सायंकाल को अपर जिला न्यायाधीश मीनाक्षी मीणा ने वरिष्ठ अधिवक्ता सोहनलाल जैन व अनुराग शर्मा एडवोकेट के तर्कों से सहमत हो कर अपील स्वीकार करते हुए आदेश जारी किया कि सड़क, प्रकाश, सफाई, सुविधाएं आदि का कार्य नगरपालिका अधिनियम के नियमानुसार स्थानीय निकायों का होता है और नगरीय कर आदि भी व्यापारियों को समय पर जमा कराना चाहिए। अतः नगरपरिषद अपने द्वारा स्वीकृत नक्शे के अनुसार उक्त दशहरा व्यवसायिक योजना में वर्णित बाजार को छह माह में विकसित करे।