राजस्थान में मंदिरों की जमीनों से अतिक्रमण हटाने के लिए ठोस कार्रवाई की जाएगी. देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि देवस्थान विभाग जिला प्रशासन के सहयोग से मंदिरों की जमीनों से अतिक्रमण हटाने के लिए ठोस कार्रवाई करेगा.उन्होंने बताया कि विभिन्न समस्याओं के बाद भी विभाग ने लगातार अतिक्रमणकारियों से देवस्थान भूमियों को अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई की है. विभाग द्वारा 44 अतिक्रमणकारियों से 7.44 हेक्टेयर भूमि कब्जे में ली गई है. कुमावत ने शून्यकाल के दौरान लाड़पुरा से विधायक कल्पना देवी द्वारा ध्यान आकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाए सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही. उन्होंने बताया कि देवस्थान विभाग समय-समय पर मंदिरों व मंदिरों की जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता है. मंदिरों की कुल 7294 हेक्टेयर भूमि में से 2768 हेक्टेयर भूमि पर 1773 अतिक्रमणकारियों का कब्जा है, जिनके खिलाफ न्यायालय में 263 वाद विचाराधीन है.देवस्थान मंत्री ने बताया कि पुजारी और पटवारी की ओर से मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण की जानकारी ध्यान में लाए जाने पर संबंधित तहसीलदार अतिक्रमणकारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करते हैं. जिलाधिकारी मूर्ति मंदिर भूमि संबंधित अतिक्रमण रिपोर्ट राजस्व कर्मियों से नियमित रूप से प्राप्त कर राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 के अनुसार प्रकरण दर्ज कर तद्नुसार प्रभावी नियंत्रण करते हैं. उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के निर्देशानुसार विभाग की कृषि भूमि के अतिक्रमणकारियों के खिलाफ भू-राजस्व अधिनियम, 1956 तथा अन्य राजस्व नियमों के अनुसार कार्यवाही करने के लिए सभी जिला कलेक्टर को पत्र लिखा गया. साथ ही, देवस्थान विभाग आयुक्त की ओर से संभागीय आयुक्त और जिलाधिकारी को अर्द्धशासकीय पत्र लिखा गया.देवस्थान मंत्री ने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि देवस्थान विभाग मंदिरों की कृषि भूमि पर अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के साथ मंदिर की जमीनों का संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है.