शिव विवाह पार्वती मंगल श्रवण करने से मंगल होता है स्वामी स्वामी हरि चेतनानंद टीलेश्वर महादेव मंदिर सभागार में शिव पुराण कथा के चतुर्थ दिवस पर महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद जी हरिद्वार ने कहा सभी आश्रमों में गृहस्थ आश्रम सबसे श्रेष्ठ है पार्वती मंगल बुद्धि और ज्ञान का मिलन है भगवती महामाया पार्वती का शिव के साथ संबंध हुआ जब बुद्धि का संयोग शिव के साथ होता है तब संसार का मंगल होता है शिव ज्ञान है पार्वती बुद्धि भगवान शंकर नंदी पर बैठकर हाथ में त्रिशूल लेकर भूत प्रेतों को साथ लेकर विवाह के लिए जाते हैं नंदी धर्मका स्वरूप है जो धर्म को ध्यान में रखकर गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करता है उनका गृहस्थ श्रेष्ठ बनता है भगवान शंकर ने वेद की विधि से विवाह किया देवताओं को आनंद प्रदान किया शिव विवाह लोक कल्याण के लिए है भगवान शंकर ने गृहस्थ आश्रम में प्रवेश कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया विवाह के बाद गृहस्था आश्रम में संतुलन बनाए रखना चाहिए मानव जीवन कीमती है गृहस्थ जीवन में तनाव से बचने के लिए भगवान की भक्ति जरूरी है आज टीलेश्वर महादेव मंदिर में शिव बारात निकाली गई हजारों भक्तों ने शिव विवाह का दर्शन किया आरती उतारी