देश में वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर सालों से चर्चा हो रही है. लेकिन राजस्थान ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां वन स्टेट वन इलेक्शन चुनाव प्रणाली धरातल पर उतरेगी. राजस्थान की भाजपा सरकार ने बजट में ऐलान के बाद अब इस दिशा में गंभीरता से प्रयास में शुरू कर दिया है. राजस्थान का UDH विभाग इस नई प्रणाली के लिए बिल का मसौदा तैयार करने में जुटा है. माना जा रहा है कि वर्तमान बजट सत्र के बाद एक विशेष सत्र बुलाकर राजस्थान में ये बिल पारित करवाया जाएगा. हालांकि इस मुद्दे पर राजस्थान में सियासत अभी से तेज हो गई है. वन स्टेट वन इलेक्शन का मुद्दा जब राजस्थान विधानसभा में उठा तो कांग्रेस के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक शांति धारीवाल ने राजस्थान सरकार को चैलेंज किया कि अगर संविधान के साथ कोई छेड़छाड़ हुई 5 साल भी पूरे नहीं कर पाओगे. वहीं नेता नेता प्रतिपक्ष की टीका राम जूली ने कहा है कि संविधान के अंदर प्रावधान है कि 5 साल का समय आपको पूरा करना पड़ेगा. 5 साल से अगर काम कार्यकाल होगा तो चुनाव कैसे संभव है. उधर, राजस्थान के UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी साफ़ कर दिया है कि दुनिया की कोई भी ताक़त राजस्थान की भाजपा सरकार को ये बिल लाने से नहीं रोक सकती. सरकार के अन्य मंत्री भी मानते हैं कि इससे आर्थिक भार कम होगा और बार बार लगने वाली आचार संहिता की वजह से रुकने वाले विकास कार्यों से भी निजात मिलेगी.