भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर टोक्यो में क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। उनके अलावा बैठक में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग, जापान के योको कामिकावा और अमरीका के एंटनी ब्लिंकन भी थे। इन नेताओं ने अपने साझा बयान में बिना चीन का नाम लिए कहा कि दक्षिण चीन सागर में जो हो रहा है वो उससे चिंतित हैं। जापान की राजधानी टोक्यो में हुई बैठक के बाद विदेश मंत्रियों ने एक साझा बयान में कहा कि वो दक्षिण चीन सागर में दूसरों को डराए जाने और अन्य खतरनाक चालोंसे चिंतित हैं। नेताओं ने इस इलाके में समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने का प्रण भी लिया। बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, हम सभी लोकतंत्र, बाजार आधारित अर्थव्यवस्थाओं वाले हमारे चारों देश एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत, एक नियम-आधारित व्यवस्था के लिए एक साथ काम कर रहे हैं। जयशंकर ने आगे कहा, ‘सिर्फ हमारा सहयोग ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि इंडो-पैसिफिक इलाका मुक्त, खुला, स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध रहे।उन्होंने यह भी कहा कि हमारी बैठक से यह स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि क्वॉड कायम रहेगा, अपना काम करेगा और आगे बढ़ेगा। सभी मंत्रियों ने बिना चीन का नाम लिए अपने साझा बयान में कहा, ‘हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागरों की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं और बल से या दबाव से हालात को बदलने की कोशिश करने वाले एकतरफा कदमों के प्रति अपने कड़े विरोध को दोहराते हैं। उधर क्वाड देशों की बैठक पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि क्वाड के बैठकें क्षेत्र में तनाव को बढ़ रहा है। बयान में कहा गया है कि क्वाड को काल्पनिक बैठकें करना बंद करना चाहिए।