राजस्थान में इस साल अगस्त में स्थानीय निकायों के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में इस बार सरकार सभी निकाय और ग्राम पंचायत चुनाव एक साथ करवा सकती है. अपने बजट भाषण में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने 'वन स्टेट- वन इलेक्शन' करवाने की घोषणा की थी. हालांकि यह इ कानून बनाने के बाद ही संभव है. ऐसे में सरकार इसके लिए अगस्त महीने में विशेष सत्र बुला सकती है. खबर के मुताबिक सरकार इस साल अगस्त और सितंबर महीनों में प्रदेश में एक साथ स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत चुनाव करवा सकती है. UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि बार-बार आचार संहिता लगने से सरकार के काम प्रभावित होते हैं और सरकारी खजाने पर भार पड़ता है. अगर राजस्थान में 'वन राज्य एक चुनाव' का कानून बनता है तो राजस्थान देश में ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा. भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में ''एक देश-एक चुनाव'' के कांसेप्ट को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था. राजस्थान में 11 नगर निगम, 33 नगर परिषद और 169 नगर निगम बोर्ड,  213 शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) शामिल हैं. खबर है कि सरकार अधिकारियों और विशेषज्ञों द्वारा बिल के ड्राफ्ट और कानुनी और तकनीकी उलझनों से निपटने के लिए एक मसौदा तैयार कर रही है.  इसके अलावा 11,320 सरपंच 1,09,228 पंच, 6995 पंचायत समिति सदस्य, 1014 जिला पंचायत सदस्य और 7500 पार्षद के पदों पर एक साथ चुनाव होगा. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 'वन स्टेट वन इलेक्शन' के सवाल पर कहा कि ये उनका राजनीतिक एजेंडा है. पंचायत और नगर निकाय के चुनाव न हों. अभी हाल ही में नगर पालिका, नगर निकाय और पंचायत चुनाव होने थे. उसमें मुख्यमंत्री ने खुद के जिले में जिला प्रमुख का चुनाव नहीं करवाया. ये लोकतंत्र का खिलवाड़ करते ही हैं. बीजेपी की इस तरह की पुरानी आदत भी है. हम जनता को साथ लेकर इन गलत नीतियों का विरोध करेंगे.