लोकसभा चुनाव परिणामों से उत्साहित कांग्रेस का अब पूरा फोकस दलित और एसटी वोट बैंक को साधने पर है. कांग्रेस ने दोनों वर्ग को वोट बैंक के लिए एक स्पेशल एक्शन प्लान तैयार किया है. जिसके तहत गांवों और शहरों में करीब 4 लाख संविधान रक्षक नियुक्त किए जाएंगे. साथ ही गांवों में संविधान रक्षक ग्राम समिति और शहरों में संविधान रक्षक वार्ड समितियों का भी गठन होगा. लोकसभा चुनाव में करीब 100 सीटों के पास पहुंचने से कांग्रेस थोड़ा जोश में आ चुकी है. कांग्रेस थिंक टैंक का मानना है कि इस कामयाबी में दलित और एसटी वर्ग के मतदाताओं का बड़ा रोल है. लिहाजा दोनों वोट बैंक को मेंटेन रखने और कांग्रेस से जोड़े रखने के लिए पार्टी ने स्पेशल प्लान बनाया है. इस टास्क की जिम्मेदारी दी गई है. दरअसल इस प्लान के जरिए कांग्रेस दलितों और एसटी मतदाताओं में अपनी पैठ और बढाना चाहती है. कांग्रेस दोनों वर्गों को यह सियासी मैसेज देने की कोशिश करेगी कि कांग्रेस का हाथ,आपके सम्मान और रक्षा के साथ है. अभियान के तहत कांग्रेस के नेता दलितों के घर जाकर भोजन भी करेंगे. साथ में उनका मान-सम्मान कायम रहे इसके लिए उनके कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. कांग्रेस के एससी-एसटी डिपार्टमेंट को इस अभियान की पूरी जिम्मेदारी दी गई है. अभी चुनावी राज्य हरियाणा औऱ महाराष्ट्र में संविधान रक्षक नियुक्त करने और समितियों के गठन करने के प्लान का आगाज होगा. फिर राजस्थान सहित अन्य राज्यों में इसको फेजवार आगे बढाया जाएगा. अभियान के तहत संघ औऱ बीजेपी इनके टार्गेट पर रहेगी. दोनों की नीतियों का विरोध करते हुए अभियान के तहत अन्य कईं प्रोग्राम भी होंगे. दरअसल एक दौर था जब यह वोट बैंक कांग्रेस का परपंरागत औऱ मजबूत वोट बैंक हुआ करता था. लेकिन दोनों समुदायों के बाद में छिटकने से कांग्रेस चुनाव में पिछड़ती गई. लिहाजा अब कांग्रेस ने वापस खुद को खड़ा करने के लिए दलित और एसटी वोटर्स में फिर पैठ बनाने के लिए ही यह अभियान शुरु करने जा रही है.