बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा पूर्व विधायक की जमानत को खारिज कर एक महीने के अंदर सरेंडर करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. राजस्थान हाई कोर्ट की एकल पीठ के जस्टिस फरजंद अली ने बाड़ी विद्युत निगम के सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ की गई मारपीट के मामले में पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत को रद्द कर एक महीने के अंतर्गत सरेंडर करने के आदेश दिए थे. जमानत रद्द हो जाने के बाद पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी.सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आदित्य मिश्रा ने बताया सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक की याचिका को स्वीकार करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट की एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के समर्थकों में भारी खुशी देखी जा रही है. राजस्थान हाई कोर्ट की एकल पीठ के न्यायाधीश फरजंद अली ने 5 जुलाई को अधिवक्ता एके जैन की पैरवी पर जमानत को रद्द कर दिया था और एक महीने के अंदर समर्पण करने के लिए कहा था. सहायक अभियंता हर्षाधिपति ने राजस्थान हाई कोर्ट में पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत को खारिज करने के लिए रिट दायर की थी.याचिका में आरोप लगाया गया था कि पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने जमानत मिलने के बाद जुलूस निकाला था. साथ ही, बाड़ी में सभा कर पीड़ित को डराने-धमकाने का भी प्रयास किया था. पूर्व विधायक पर झूठ बोलकर औऱ अदालत को गुमराह कर जमानत हासिल करने का भी आरोप लगाया गया था।