युवाओं में आजकल चश्मे से ज्यादा कॉन्टैक्ट लेंस पहनने का शौक है क्योंकि इन्हें पहनने से आंखों की खूबसूरती बरकरार रहती है. और वैसे भी कॉन्टैक्ट लेंस के जरिए आंखों को अलग-अलग लुक दिया जा सकता है. लेकिन कई बार ये शौक काफी जानलेवा साबित होता है. ऐसा ही कुछ हाल ही में छोटे पर्दे की एक्ट्रेस जैस्मिन भसीन के साथ हुआ है . कॉन्टैक्ट लेंस के शौक की वजह से उनकी देखने की क्षमता को काफी नुकसान पहुंचा है. इसके बाद कॉन्टैक्ट लेंस से आंखों पर पड़ने वाले असर को लेकर कई तरह की बातें सामने आने लगीं. साथ ही लोगों में कॉर्निया डैमेज को लेकर भी कई सवाल उठने लगे कि आखिर ये होता क्या है और क्यों एक्ट्रेस जैस्मिन भसीन कॉन्टैक्ट लेंस पहनने की वजह से अपनी एक आंख गंवाने वाली थीं. इन मामलों को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आंखें हमारे शरीर का बेहद नाजुक अंग हैं. कई बार इसके प्रति लापरवाही बहुत महंगी पड़ सकती है. ऐसे में आंखों में ऐसी कोई भी चीज इस्तेमाल न करें जिससे आंखों की रोशनी जाने का खतरा हो. ऐसा किसी को भी हो सकता है.आंखों में कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से आंखों की कॉर्निया पर भी असर पड़ सकता है. इसलिए इसका इस्तेमाल थोड़ी समझदारी से करना चाहिए. कॉर्निया आपकी आंख की पारदर्शी, सुरक्षात्मक बाहरी परत है. यह धूल, गंदगी और कीटाणुओं को आंख में जाने से रोकती है. इसके अलावा, यह सूर्य की तेज पराबैंगनी रोशनी (UV Rays) को सीधे आंखों तक पहुंचने से भी रोकता है. जब यह बाहरी परत दर्द करने लगे, आंखें सूजने लगें या देखने में दिक्कत होने लगे तो यह संकेत कॉर्निया डैमेज के होते है.