आषाढ शुक्ल चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा यानी वायु धारिणी पूर्णिमा पर शनिवार शाम को सूर्यास्त के बाद शहर में दो जगहों पर वायु परीक्षण किया गया। जंतर-मंतर के सम्राट यंत्र और शास्त्रीनगर स्थित साइंस पार्क में वायु परीक्षण में श्रावण मास और आगामी महीनों में होने वाली बारिश का आकलन किया गया। दोनों ही जगहों पर हवा का रुख पूर्व से पश्चिम की ओर रहा, जिसे ज्योतिषियों ने श्रेष्ठ वर्षा का योग बताया। सन् 1727 में शुरू हुई यह परंपरा आज भी जारी है, 297वीं बार वायु परीक्षण कर वर्षा की भविष्यवाणी की गई। जंतर-मंतर में वायु परीक्षण के दौरान हवा पूर्व से पश्चिम की ओर बही। इसे ज्योतिषाचार्यों ने सुवृष्टि का संकेत बताया। डॉ. लता श्रीमाली, पं. केदार दाधीच, डॉ. मुकेश शर्मा, पं. ललित शर्मा, पं. मोहनलाल शर्मा, पं. शिवदत्त शर्मा, पं. रामेश्वर शर्मा, पं. चन्द्रशेखर दाधीच आदि ने वायु परीक्षण किया, इसमें विद्वानों ने सामान्य से अधिक वर्षा के योग होना बताया. वर्ष के 4 स्तम्भों में अन्न व वायु स्तम्भ पूर्णता लिए हुए हैं। ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि अन्न व वायु स्तम्भ पूर्णता लिए हैं, वहीं जल व तृण स्तम्भ की उपलब्धता श्रेष्ठतादायक है। ये सभी वर्षा, अन्न व चारे की उपलब्धता दर्शा रहे हैं। वहीं वायु का पूर्व से पश्चिम की ओर बहना भी श्रेष्ठ वर्षा के साथ सुख-समृद्धि दायक है। शास्त्रीनगर स्थित स्थित साइंस पार्क में वायु परीक्षण स्वामी रामरतन देवाचार्य की अध्यक्षता में हुआ। संयोजक डॉ.रवि शर्मा ने बताया कि वायु का वेग पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर रहा। इस साल राजस्थान और आसपास के दूसरे राज्यों में श्रेष्ठ वर्षा होने का अनुमान है। श्रावण मास में पांच सोमवार के प्रभाव से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश आदि में श्रेष्ठ वर्षा होगी। पश्चिमी भारत के कुछ राज्यों में खंडवृष्टि होगी। शर्मा ने बताया कि इस बार रोहिणी का निवास संधि पर है। अतः समयानुकूल खंडवृष्टि या मध्यम वृष्टि के योग बनेंगे।