पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार (20 जुलाई) को उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने को लेकर दिए गए आदेश की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि मुसलमानों के हक को खत्म करने की चाहत हो रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर खामोश हैं. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यूपी में जो कुछ भी हो रहा है, वो पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है.यूपी में कांवड़ मार्गों को लेकर जारी किए गए आदेश पर महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि बीजेपी देश का माहौल खराब करना चाहती है. वे मुस्लिमों के हक को भी खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा, "ऐसे फरमान जारी करके ये संविधान की के खिलाफ काम कर रहे है. इन लोगों (बीजेपी) की हरकत से मुल्क में तानव पैदा हो रहा है. ये मुसलमानों के हक को खत्म करना चाहते हैं. जो यूपी में इन लोगों ने किया है, वो मुल्क के संविधान के खिलाफ है. इस पर मोदी जी खामोश क्यों है." वहीं, महबूबा मुफ्ती से पहले कांग्रेस ने भी यूपी सरकार के फैसले पर सवाल उठाया. पार्टी के मीडिया सेल के प्रमुख और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि ये आदेश भारतीय तहजीब पर हमला और मुस्लिमों के आर्थिक बहिष्कार का सामान्यीकरण करने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि यूपी में नया फरमान आया है कि कांवड़ यात्रा के मार्गों पर दुकानदारों को अब अपना नाम बोर्ड पर लिखाना होगा. इसके पीछे का मकसद ये पता लगाना है कि कौन हिंदू है और कौन मुस्लिम. उन्होंने कहा कि हम सरकार के इस मकसद को पूरा नहीं होने देंगे. यह किसी के लिए भी हो, लेकिन हमें इसे कामयाब नहीं होने देंगे. चाहे वो हिंदू के आर्थिक बहिष्कार की बात हो या मुस्लिम के आर्थिक बहिष्कार करने की बात हो. खेड़ा ने कहा कि बीजेपी भारतीय तहजीब पर हमला कर रही है और हमारे घरों में घुसने का प्रयास कर रही है. अगर इन्हें घरों में घुसने से रोकना है तो इस विचारधारा को रोकना होगा. ऐसे ही हम भारतीय तहजीब को बचा पाएंगे.