रामगंजमंडी में चेचट क्षेत्र के ताकली बांध विस्थापित कॉलोनी में सिचाई विभाग द्वारा देवनारायण भगवान मन्दिर का निर्माण करवाया गया था। जिसकी पहली बारिश में ही छत टपकने लग गई। मंदिर में दरारे और फर्श उखड़ने पर विस्थापित कॉलोनी के ग्रामीणों ने मंदिर निर्माण में घटिया सम्रागी का उपयोग करने का आरोप लगाया है, जबकि 15 दिन पहले ही विभाग ने मंदिर की मरम्मत करवाई थी। ग्रामीणों का कहना है कि संवेदक ने मंदिर की छत पर ढाल नहीं दिया। ऐसे में मंदिर की छत पर पानी भरा हुआ है। वही दिवारो में से भी पानी आ रहा है। साथ ही घटिया निर्माण के चलते मंदिर का प्लॉस्टर भी खुलने लग गया है, मन्दिर निर्माण कार्य मे ग्रामीणों ने घटिया निर्माण कार्य का आरोप लगाते हुए मन्दिर के पुनः निर्माण की मांग की है।

ग्रामीणों के अनुसार करीब 2 साल पहले ही तांकली बाँध निर्माण में 7 गांवो को रिछड़िया रोड पर विस्थापित किया था। जिसमे करीब 5 हजार से ज्यादा ग्रामीणों का विस्थापन हुआ था। वही कॉलोनी विकास के दौरान विभाग ने देवनारायण मंदिर भी बनाया। जिसकी हर साल मरम्मत कार्य किया जाता है, लेकिन फिर भी मंदिर की छत टपकना, दरारे आना और प्लास्टर गिरना आदि समस्या आ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि मन्दिर की छत सहित दीवारों पर थोड़ी सी बारिश में पानी आ गया व दीवार से सीमेंट उखड़ रहा है। मन्दिर निर्माण में ठेकेदार ने गुणवत्तापूर्ण सामग्री नही लगाई है। सीमेंट अंगुली के इशारे पर नीचे गिर रहा है। दीवारों में पानी झलक रहा है। जबकि बारिश अभी हुई नही है। 

सिचाई विभाग के एईईएन अशोक मीणा ने बताया कि विस्थापित कॉलोनी में मंदिर की हालही में मरम्मत कार्य किया गया। पानी रिसाव के कारण छत पर ढाल नहीं देना और निकास नहीं होना सामने आया। ऐसे में ठेकेदार को पाबंद किया जाएगा। साथ ही मंदिर का फर्श आदि का कार्य पुरा करवाएंगे।