लोकसभा चुनावों में बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर बीजेपी से कैलाश चौधरी ने निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी और कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ा था. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी जीतने में कामयाब हो गए थे और बीजेपी की बुरी तरीके से हार हुई थी. अब बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर पराजय को लेकर बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और हरियाणा बीजेपी के प्रभारी सतीश पूनिया का बड़ा बयान सामने आया है. लोकसभा चुनाव में 11 सीटें हारने पर सतीश पूनिया ने बताया कि कार्यकर्ता और नेताओं ने काम किया है और उनकी बात सुनी भी गई है. चुनाव की हार का और जीत का कोई एक फेक्टर नहीं होता. उनके मल्टीपल फेक्टर होते हैं, उन सब पर बात भी की है. कहीं कमियां तो रही हैं. चाहे प्रबंधन की, प्रचार प्रसार में कुछ कमी हो सकती हैं. कहीं, सियासी समीकरण साधने में भी कमी हो सकती है. बाबा किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे देने के सवाल पर सतीश पूनिया ने कहा कि किरोड़ीलाल पार्टी के वरिष्ठ और सम्मानीय राजनेता हैं. उन्होंने बरसों बरस से विचारधारा से जुड़कर काम किया है. उनके निर्णय के बारे में बेहतर तो वो ही बता पाएंगे. ये मसला केंद्र, प्रदेश और आलाकमान के संज्ञान में है. जितना इस मसले को प्रचारित किया जा रहा है, उतना बड़ा ये मसला नहीं है. केंद्र और प्रदेश सारे मुद्दों के समाधान के लिए सक्षम है. रविंद्रसिंह भाटी और प्रियंका चौधरी को सही ढंग से मैनेज ना करने पर बीजेपी का बाड़मेर में ये हाल हुआ ? इस सवाल के जवाब में सतीश पूनिया ने कहा कि कई लोग लोकतंत्र में चुनाव लड़ने के इच्छुक होते हैं और कई बार किसी दल में चले जाते हैं. कई बार निर्दलीय भी लड़ते हैं. ऐसे में पार्टी की ओर से पुरजोर कोशिश भी होती है. कई बार टिकट को लेकर असमंजस की स्थिति होती है. कई बार पार्टी और आलाकमान कोशिश करता है कि ठीक व्यक्ति का चयन हो और जीतने वालों का चयन हो. लेकिन, कई बार ऐसा नहीं होता कि शत प्रतिशत परिणाम आ जाएं