भजनलाल सरकार 23 जुलाई को 48 नए पट्टों की नीलामी करेगी. राज्य सरकार बजरी के दाम को 400 रुपए प्रति टन कम करने पर विचार कर रही है. वर्तमान में जयपुर में खुली बजरी की कीमत 1200 से 1500 रुपए प्रति टन है. सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवंबर 2017 को बजरी खनन पर राजस्थान में रोक लगा दी थी. 31 मार्च 2018 को बजरी खनन के लिए सभी एलओआई को निर्धारित अवधि पूरा होने पर खत्म कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने बनास नदी में हो रहे बजरी खनन को पर्यावरण के लिए हानिकारक माना. अंधाधुंध बजरी खनन होने से नदियों का जलस्तर इसके कारण प्रभावित हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन पर रोक लगा दी है. खानन पर रोक के कारण अवैध बजरी कारोबार खूब पनपा, इसकी वजह से बजरी के दाम बढ़ गए. कई बार पुलिस की भी बजरी माफियाओं के साथ मिलीभगत के मामले सामने आ चुके हैं. राज्य सरकार सौ हेक्टेयर बजरी के लिए पट्टों की नीलामी करेगी. 23 से नीलामी शुरू होने की संभावना है. 50 से 55 रुपए प्रति टन तक रॉयलटी वसूली जा रही है. बताया जा रहा है कि बजरी के नए रेट से रॉयल्टी से चार गुना ही बजरी की दरें तय होगी. 400 लोगों को प्रति टन 400 रुपए सस्ती बजरी मिल सकेगी. जयपुर में खुली बजरी के हिसाब से 1200 से 1500 रुपए प्रति टन मिलती है. नए पट्टों की नीलामी होने के बाद बजरी की दरों में काफी कमी आएगी. 400 रुपए सस्ती बजरी मिल सकेगी. सरकार बजरी खनन के लिए 48 नए पट्टों को नीलाम करने की तैयारी में है.