Pm नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा से ठीक पहले अमेठी रक्षा फैक्टरी ने भारतीय सेना को 35 हजार एके-203 राइफलों की आपूर्ति की है। भारत और रूस के जॉइंट वेंचर इंडो-रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) ने इस राइफल को तैयार किया है। संयुक्त उद्यम के तहत यह राइफलें रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार की गई हैं। इस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि रूस क्लाशनिकोव राइफलों की तकनीक भी स्थानां​तरित कर रहा है। रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के महानिदेशक एलेक्जेंडर मिखीव ने बताया संयुक्त उद्यम के तहत इस परियोजन का पहला चरण तय समय में पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही भारत AK-203 असॉल्ट राइफल का उत्पादन करने वाला पहला देश बन गया है। भारत इसे अब अन्य देशों को भी आपूर्ति कर पाएगा। इस परियोजना को 2021 में मेक इन इंडिया के तहत शुरू किेया गया था।क्लाशनिकोव-203 राइफल की जगह अभी इस्तेमाल हो रही इंसास (Indian Small Arms System) राइफलों से काफी अलग है। 1996 से इस्तेमाल हो रही इस राफइल के मुकाबले क्लाशनिकोव-203 छोटी, हल्की और बहुत ही घातक है। अभी तीनों सेनाओं के पास करीब आठ लाख इंसास हैं। सबसे खास बात यह है कि यह जाम नहीं होती है। लंबाई और वजन कम होने के कारण प्रयोग में बेहतर है।