ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना के लाभ से बैरवा बस्ती के छात्र पड़ने जा सकेंगे बरूंधन स्कूल में

बैरवा बस्ती व बरुंधन विद्यालय का अवलोकन शिक्षा अधिकारियों ने किया समस्या का समाधान

बून्दी। बरुंधन में घोड़ापछाड़ नदी बनने वाला ब्रिज तैयार नहीं होने और बच्चों को ले जाने वाली नाव बारिश के पानी के बहाव में डूब जाने से नदी पार स्थित बैरवा बस्ती के बच्चे स्कूल खुलने के 3 दिन बाद भी पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जा पा रहे थें। ऐसी समस्या के कारण चाह कर भी ऐसे में चाहकर भी स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चों की समस्या के समाधान में ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना बडा सहारा बनी। जिसके आधार पर पात्र विद्यार्थियों को मिलने वाली राशि से ग्रामवासी वैकल्पिक व्यवस्था कर अपने बच्चों को बरूंधन स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय और बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने भिजवाएंगे।

शिक्षा अधिकारियों ने की ग्रामीणों से वार्ता

गुरुवार को मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ महावीर कुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र व्यास, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गोविंद सहाय मीणा और अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश गोस्वामी एवं प्रधानाचार्य रामचरण ने नदी पार स्थित बैरवा बस्ती जाकर ग्राम वासियों से मुलाकात की। शिक्षा अधिकारियों ने उनकी नदी पार करने की समस्या के बारे में वार्ता कर समाधान करने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने बताया कि बैरवा बस्ती से 120 विद्यार्थी प्रतिदिन नाव द्वारा नदी पार कर बरुंधन के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय और बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने जाते हैं। लेकिन वर्तमान में नाव पानी में डूब जाने के कारण विद्यार्थियों को विद्यालय जाने में परेशानी हो रही है।

ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना बनी सहारा

वार्ता के दौरान शिक्षा अधिकारियों ने अभिभावकों को बताया गया कि उनकी बालिकाओं को प्रतिदिन ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना के अंतर्गत कक्षा 6 से 8 तक 15 रूपए और कक्षा 9 से 10 तक 20 रु की दर से कुल 120 विद्यार्थियों में से पात्र 62 विद्यार्थियों को उक्त योजना में कुल 990 रुपये प्रति कार्य दिवस मिल सकेंगे। ऐसे में ग्राम वासियों ने उक्त राशि से विद्यार्थियों के विद्यालय जाने की वैकल्पिक व्यवस्था करने की सहमति दी। इस मौके पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ महावीर कुमार शर्मा ने बताया कि इस संदर्भ में जिला कलेक्टर बूंदी ने नदी पर पुल का कार्य शीघ्र पूर्ण हो जाने के लिए आश्वस्त किया है।

गौरतलब हैं कि इस नदी पर 1.26 करोड़ की लागत से बन रही पुलिया का काम 2 माह से बंद होने के कारण पुलिया का निर्माण पूरा नहीं हो पाया। वहीं बच्चों को ले जाने वाली नाव बारिश के पानी के बहाव में डूब जाने कारण आने जाने के संसाधन नहीं होने से बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में नदी पार के ग्रामीणों को बरुंधन आने के लिए नमाना होते हुए 15 किलोमीटर का अतिरिकत फेरा लगाना पडता है।